मइयां सम्मान योजना के आवेदन फॉर्म को लेकर फंस रहा है नया पेंच
झारखण्ड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मइँया सम्मान योजना के आवेदन फॉर्म को लेकर नया पेंच फंस रहा है। इस योजना के तहत 21 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं को पेंशन से जोड़ा जाना है। इसके आवेदन को भरने के लिए 3 अगस्त से 10 अगस्त तक सभी पंचायत के पंचायत भवन में शिविर आयोजित हो रही है।
शिविर में ही प्रज्ञा के केंद्र के संचालकों द्वारा आवेदन का ऑनलाइन किया जाएगा। वहीं उपस्तिथ पंचायत सेवकों द्वारा हार्डकॉपी जमा ली जायेगे। इससे पहले आँगबाड़ी सेविकाओं को निशुल्क आवेदन पत्र वितरण की जिम्मेदारी दी गई है और सरकार द्वारा जारी आवेदन की प्रति ही मान्य होगा।
कम्प्यूटर का आवेदन को निरस्त करने की बात की गई है। पर आवश्यकता के अनुसार विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी सेविकाओं को फॉर्म उपलब्ध नहीं करवाया गया है। जिससे आवेदन पत्र के वितरण में आंगनबाड़ी सेविकाओं के बीच नया पेंच फंसता दिख रहा है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं में असमंजस की स्तिथि बन गई है कि 100 आवेदन में पहले किसको दिया जाए। क्योंकि एक आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र में लाभार्थियों की संख्या अधिक है। उदाहरण के तौर पर सिंघरावा ग्राम में लाभार्थी महिलाओं की 900 सौ है और आवेदन पत्र 200 सौ दिया गया है अब सेविका दे तो दे किसे ?
गांव के छोटू भैया नेता लोग भी सेविकाओं को परेशान कर रहे हैं। और दबाव दे रहे हैं की मेरे लोगो को आवेदन दो , ऐसे में सेविकाएं कैसे आवेदन पत्र का वितरण करें।
आवेदन प्रपत्र वितरण के बारे में भाजपा नेता सह आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ के जिला संरक्षक राजेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि आवेदन प्रपत्र वितरण से सेविकों को अलग किया जाए। या तो प्रत्येक सेविकाओं को जरूरत के हिसाब से आवेदन दिया जाए या फिर किसी अन्य विभाग से वितरण कराया जाए। या पहले लाभार्थियों का सर्वेक्षण कराया जाय और उसका लिस्ट तैयार कर आवेदन पत्र का वितरण किया जाए। या फिर कंप्यूटर से निकले आवेदन पत्र को भी आवेदन भरने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि जब आवेदन ऑनलाइन ही भरा जाना है तो सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए फॉर्म के लिए इतनी बाध्यता क्यों,फॉर्म तो कंप्यूटर द्वारा निकाल कर भी भरा जा सकता है। मैं सरकार से कम्प्यूटर से निकाले गए फॉर्म को भी मान्यता देने की मांग करता हूँ।
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