झारखंड में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शिक्षकों ( माचेत/मास्टर ) का होगा सीधी भर्ती,संकल्प जारी

झारखंड में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शिक्षकों ( माचेत/मास्टर ) का होगा सीधी भर्ती,संकल्प जारी

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झारखंड में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शिक्षकों ( माचेत/मास्टर ) का होगा सीधी भर्ती,संकल्प जारी

झारखंड में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा के शिक्षकों ( माचेत/मास्टर ) का होगा सीधी भर्ती,संकल्प जारी

लोकसभा चुनाव खत्म होते ही झारखंड के सभी 24 जिलों में जनजातीय भाषा व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की सीधी भर्ती हो सकती है। जिसका संकल्प भी 15 मार्च 2024 को जारी कर दी गई है।

जारी संकल्प में कहा गया है कि झारखण्ड सरकार, राज्य के बहुभाषी बहुल नागरिकों के लिए ऐसे वातावरण का निर्माण करने हेतु कृत संकल्पित है जिससे कि छात्रों के शिक्षण में उनकी भाषा बाधक नहीं बल्कि साधक की भूमिका निभाएं। प्राथमिक विद्यालयों/प्राथमिक कक्षा वाले विद्यालयों में अध्ययन करने वाले बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा के माध्यम से अध्ययन-अध्यापन का कार्य किया जाता है तो इसका सीधा असर बच्चों के अधिगम-प्रतिफल में देखने को प्राप्त होता है। राज्य में कक्षा 1 से कक्षा 2 के बीच छीजन दर 13.75% है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यदि बच्चों के मातृभाषा को विद्यालयों में व्यवहार में लाया जाए तो बच्चे सहजता से विद्यालयी परिवेश से जुड़ेंगे तथा उनका ठहराव विद्यालयों में लंबी अवधि के लिए होगा। जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा में अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया का असर विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा पर भी होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 भी हमें बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में देने के लिए निर्देशित करती है।

2.झारखण्ड राज्य के सभी 24 जिलों में विद्यार्थियों के द्वारा जनजातीय भाषा- संवाली, हो, खड़िया, कुडुख, मुण्डारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर तथा क्षेत्रीय भाषा- बांगला, उड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुरमाली, नागपुरी का अधिकाधिक प्रयोग किया जाता है।

3.वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार द्वारा प्रायोगिक स्तर पर राज्य के 259 विद्यालयों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को मातृभाषा के रूप में स्वीकार करते हुए शिक्षण प्रक्रिया प्रारंभ की गई।

वर्ग 1-5 में प्रति कक्षा न्यूनतम 10 विद्यार्थी संबंधित जनजातीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा उन विद्यालयों में होगी शिक्षकों की भर्ती

अब इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए राज्य के सभी 24 जिला में उपरोक्त वर्णित जनजातीय भाषा (संथाली, हो, खड़िया, कुडुख, मुण्डारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर) तथा क्षेत्रीय भाषा (बांगला, उड़िया,
पंचपरगनिया, खोरठा, कुरमाली, नागपुरी) के वैसे प्राथमिक विद्यालयों/प्राथमिक कक्षा वाले विद्यालयों का चयन किया जाएगा, जिसमें उपरोक्त अंकित जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा में से किसी भी एक भाषा में प्राथमिकता के आधार पर माचेत/मास्टर के चयन हेतु जिस विद्यालय में वर्ग 1-5 में प्रति कक्षा न्यूनतम 10 विद्यार्थी संबंधित जनजातीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले हो।

जिला स्तरीय समिति द्वारा संपुष्टि उपरांत प्रस्ताव (चिन्हित विद्यालयों की सूची सहित) स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखण्ड को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके आधार पर प्रखण्डवार चिन्हित विद्यालयों की संख्या के लिए योजना क्रियान्वयन की स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

शिक्षकों के लिए ये होगी आवश्यक आहर्ता

(क) शैक्षणिक अर्हत्ता : मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम इण्टरमीडिएट (+2) में 45% अंकों के साथ उत्तीर्णता। इण्टरमीडिएट में उपरोक्त अंकित विज्ञापित जनजातीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

(ख) उम्र सीमा : न्यूनतम 21 वर्ष एवं अधिकतम 45 वर्ष (उम्र सीमा की गणना प्रकाशित विज्ञापन में निर्दिष्ट अंकित तिथि के आधार पर जाएगी)

चयन की प्रक्रिया एवं मेधा सूची का निर्माण : जिला स्तरीय समिति से चयनित विद्यालयों की संपुष्टि के उपरांत अंतिम रूप से चयनित सूची के आधार पर प्रखण्ड स्तरीय समिति द्वारा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा माचेत/मास्टर के लिए विज्ञापन का प्रकाशन स्थानीय समाचार पत्रों एवं विभिन्न जिला/प्रखण्ड स्तरीय कार्यालयों के सूचना पट्ट तथा जिला के अधिकारिक वेबसाईट पर भी सूचना प्रकाशित की जाएगी। प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर संबंधित प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में निबंधित डाक स्पीड पोस्ट से आवेदन प्राप्त किये जाएगें तथा उसे प्राप्ति की तिथि को ही पंजी में सूचीबद्ध किया जाएगा। चयन हेतु मेधा सूची के अनुसार तैयार किया जाएगा। अधिक अंक वाले आवेदकों का चयन किया जाएगा तथा एक से ज्यादा आवेदक के द्वारा समान अंक प्राप्त कक्षा-12 में जनजातीय भाषा/ क्षेत्रीय भाषा विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले आवेदक को इसके बाद भी समान अंक रहने की स्थिति में इण्टरमीडिएट/+2 स्तर पर अधिक अंक प्राप्त करने को प्राथमिकता दी जाएगी।

चयन की संपुष्टि प्रखण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा चयन की पूर्ण प्रक्रिया तथा अंतिम रूप से चयनित आवेदकों की सूची को जिला शिक्षा अधीक्षक से संपुष्ट कराना अनिवार्य होगा।

योगदान की प्रक्रिया चयन सूची के प्रकाशन के उपरांत चयनित माचेत/मास्टर को एक माह के अंदर विहित प्रपत्र में संबंधित विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष के पास अपना योगदान समर्पित करना होगा।

प्रशिक्षित को 600 प्रति दिन मिलेगा मानदेय

मानदेय संबंधित माचेत/मास्टर को विभाग द्वारा निर्धारित प्रत्येक शैक्षणिक कार्य दिवस में अलग-अलग कक्षाओं में अधिकतम तीन घंटी के माध्यम से संबंधित जनजातीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा को प्रोत्साहित करना होगा, जिसके आधार पर प्रशिक्षित (प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण/ बी.एड.) को प्रत्येक घंटी रू. 200/- की दर से अधिकतम रु. 600/- प्रति कार्य दिवस की दर से देय होगा तथा अप्रशिक्षित प्रेरक को प्रत्येक घंटी रू. 120/- की दर से अधिकतम रू. 360/- प्रति कार्य दिवस की दर से देय होगा, जो संबंधित विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा इस संबंध में प्राप्त निधि से वास्तविक उपस्थिति एवं ली गयी घंटियों के आधार पर भुगतान किया जाएगा। प्रत्येक माह अधिकतम कार्य दिवस 25 की गणना की जायेगी।

चयन की अवधि: प्रथमतः यह चयन एक शैक्षणिक वर्ष के लिए मान्य होगा तथा इस अवधि की समाप्ति के पश्चात् जनजातीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा माचेत/ मास्टर के कार्य के मूल्यांकन के आधार पर यदि उनका कार्य संतोषप्रद पाया जाता है तथा सरकार द्वारा इस योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया जाता है तो आगामी वर्ष के लिए इनकी सेवाएँ प्राप्त करने हेतु विचार किया जाएगा।

अनुशासनात्मक कार्रवाई अनुपस्थिति, कदाचार, असंतोषजनक कार्यकलाप आदि समरूप कारणों के आधार पर संबंधित प्रखण्ड स्तरीय चयन समिति के स्तर से कारण पृच्छा की जाएगी तथा प्राप्त स्पष्टीकरण पक्ष के आधार पर उन कारणों को अभिलिखित करते हुए मानदेय में कटौती तथा प्राप्त की गई सेवा से मुक्त किए जाने आदि के संबंध में निर्णय लेने हेतु सक्षम प्राधिकार संबंधित प्रखण्ड स्तरीय चयन समिति होगी।

कार्य का मूल्यांकनः वार्षिक उपलब्धि का मूल्यांकन की जवाबदेही संबंधित प्रखण्ड स्तरीय चयन समिति की होगी जिसके संबंध में प्रशासी विभाग द्वारा अलग से आदेश निर्गत किया जाएगा।

इस योजना के क्रियान्वयन हेतु झारखण्ड शिक्षा परियोजना परिषद् नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी।

इस योजना पर कुल अनुमानित वार्षिक व्यय का निर्धारण अंतिम रूप से चिन्हित विद्यालयों की संख्या के आधार पर किया जाएगा, जिसका भुगतान राज्य योजना बिधि से किया जाएगा।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखण्ड द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य योजना बजट में बजट शीर्ष स्थापित करने एवं स्थापित बजट शीर्ष के अन्तर्गत राशि प्रावधानित करने की कार्रवाई की जायगी। निर्गत की तिथि से यह संकल्प प्रभावी होगा।

प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति विभागीय संलेख संख्या 323 दिनांक 12.03.2024 के क्रम में मंत्रिपरिषद् की बैठक दिनांक 12.03.2024 में मद संख्या-23 में की गई है।

आदेश दिया गया है कि इसे झारखण्ड राजपत्र के आगामी अंक में जन साधारण की जानकारी हेतु प्रकाशित कराया जाये एवं इसकी प्रतिलिपि महालेखाकार (लेखा एवं हक), झारखण्ड, राँची एवं अन्य सभी संबंधित पदाधिकारी को उपलब्ध करा दिया जाय।

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झारखंड में क्षेत्रीय

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