प्रारंभिक विद्यालयों के वाणिज्य स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों के लिए खुशखबरी, सरकार ने आदेश किया जारी

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प्रारंभिक विद्यालयों के वाणिज्य स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों के लिए खुशखबरी, सरकार ने आदेश किया जारी

प्राथमिक शिक्षा निदेशक, शशि प्रकाश सिंह, (मा.से) ने
राज्यभर के सभी जिला शिक्षा अधीक्षक, झारखंड को वाणिज्य स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को सामाजिक विज्ञान कोटि में प्रोन्नति करने के सम्बंध में पत्र जारी किया है।

जारी पत्र में कहा है कि उपर्युक्त विषयक प्रासंगिक पत्र (छायाप्रति संलग्न) द्वारा राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के वाणिज्य स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को सामाजिक विज्ञान कोटि में प्रोन्नति देने की कार्रवाई का निदेश दिया गया था।

कालांतर में स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों द्वारा प्रोन्नति दिये जाने के निमित माननीय उच्च न्यायालय माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय, राँची में दायर याचिका संख्या WP(S) No. 977/2017 चन्द्रशेखर प्रसाद एवं अन्य 6628/2016 मो. जुबैर अंसारी एवं अन्य, 1179/2017 योगेन्द्र शर्मा एवं अन्य 1180/2017 मारकुस कंडीर एवं अन्य 5939/2017 मृत्युंजय सिंह मुण्डा एवं अन्य 1329/2021 कृष्ण चन्द्र दास एवं अन्य, 2074/2022 संजय कुमार सिंह, 4532/2022 संजय त्रिवेदी एवं 411/2020 संजीव कुमार मिश्रा एवं अन्य मामले में दिनांक 20.06.2023 को पारित न्यायादेश पारित किया गया, जिसका कार्यकारी अंश निम्नवत है

“उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, इन सभी रिट आवेदनों को प्रधान सचिव, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार, प्रोजेक्ट बिल्डिंग, धुरवा, पी.ओ. पी.एस. धुरवा, जिला-रांची को व्यक्तिगत मामले पर विचार करने के निर्देश के साथ निपटाया जाता है। ज्ञापन क्रमांक 1121 दिनांक 10.8.2023 में निहित संकल्प के अनुसार याचिकाकर्ताओं को ग्रेड-IV स्केल में पदोन्नत किया जाना है।

The aforesaid exercise should be completed within a period of twelve weeks from the date of receipt/production of a copy of this order.” माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में निदेशालीय

आदेश-सह-ज्ञापांक 973 (विधि) दिनांक 28.12.2023 (छायाप्रति संलग्न) द्वारा संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक को कार्रवाई करने का निदेश संसूचित है। संबंधित जिलों द्वारा फरवारी 2024 तक वाणिज्य स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को प्रोन्नति देने का Undertaking भी समर्पित किया गया था।

उका निदेश का अनुपालन नहीं होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय में अवमाननावाद संख्या 1098/2023 योगेन्द्र शर्मा एवं अन्य अवमाननावाद संख्या 1134/2023 मारकुस कंडीर एवं अन्य अवमाननावाद संख्या 16/2024 संजय त्रिवेदी तथा कई अन्य अवमाननावाद दायर किया गया है।

न्यायिक वाद के मामलों में भी कार्य के प्रति आपकी लापरवाही के कारण कई मामलो में अधोहस्ताक्षरी अथवा विभागीय सचिव को माननीय उच्ध न्यायालय के समक्ष सशरीर उपस्थित होने के बाध्यकारी स्थिति उत्पन्न होती है एवं निर्धारित समय पर न्यायादेश का अनुपालन नहीं होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है। विभागीय प्रासंगिक पत्र द्वारा दिए गए निदेश के बावजूद भी अपेक्षित कार्रवाई नहीं करना, आपके कार्य के प्रति उदासीनता, विभागीय निदेश की अवहेलना एवं कर्तव्यहीनता का द्योतक है।

अतएव निदेश दिया जाता है कि वर्णित प्रासंगिक पत्र में दिये गये निदेश का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सूचित किया जाय। यदि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा संबंधित वादों में कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया जाता है तो इसकी समस्त जवाबदेही आपकी होगी।

प्रारंभिक विद्यालयों

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