क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की जल्द बहाली,शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की जल्द बहाली,शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

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क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की जल्द बहाली,शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की जल्द बहाली,शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट

झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) के द्वारा राज्य के सभी स्कूलों में क्षेत्रीय सहित जनजातीय भाषाओं का प्रयोग करने वाले छात्र-छात्राओं का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है। जिसकी रिपोर्ट 15 जून तक सौंपने का निर्देश उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को देने को कहा गया है।

प्राथमिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक ने 6 मई को ही अपने पत्रांक 551 में पत्र जारी कर राज्य के सभी उपायुक्त एवं जिला शिक्षा अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है।

चार चरणों में छात्र-छात्राओं को सर्वेक्षण का निर्देश

क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा का सर्वेक्षण चार चरणों में करने का निर्देश दी गई है। इसके लिए विभाग के द्वारा फार्मेट भी उपलब्ध करा दिया गया है। पहले विद्यालय स्तर पर उसके बाद प्रखंड स्तर पर इसका सर्वेक्षण होगा। इसके बाद जिला स्तरीय समिति द्वारा समीक्षा के उपरांत विद्यालयों के चयन की अनुशंसा होगी। फिर अंत में उपायुक्त एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सर्वेक्षण किए गए विद्यालयों की अनुशंसा प्राथमिक शिक्षा निदेशक को किया जाएगा। सबसे पहले जिला शिक्षा अधीक्षक इसका सर्वेक्षण करने के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को सौंपेंगे

सभी क्षेत्रीय भाषाओं का होगा सर्वेक्षण

झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा सभी स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा कुड़माली, खोरठा, बांग्ला, नागपुरी, उड़िया, पंचपरगनिया,सहित जनजातीय भाषा संथाली, हो, खड़िया, कुड़ख, मुंडारी, माल्तो, बिरहोरी, भूमिज, असुर भाषा का प्रयोग करने वाले विद्यार्थियों का सर्वेक्षण कराएगा। सर्वेक्षण के आधार पर स्कूलों में उस भाषा के प्रोत्साहन के लिए चयनित मास्टर द्वारा बच्चों के भाषायी ज्ञान एवं भाषा के विकास के लिए काम किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक शशि प्रकाश सिंह ने इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षकों को 15 जून तक सर्वेक्षण की कॉपी उपलब्ध करानी है ।

झारखंड में 35443 सरकारी स्कूल है संचालित

हजारीबाग में 1485 स्कूल ,कोडरमा में 677, गिरिडीह में 3159, देवघर में 1975,बोकारो में 1560 स्कूल ,गढ़वा में 1433, पलामू में 2564, चतरा में 1570, धनबाद में 1727, रांची में 2100, लोहरदगा में 503,गोड्डा में 1519, साहिबगंज में 1265, पाकुड़ में 970, दुमका में 2301, गुमला में 1331, जामताड़ा में 1030, सरायकेला-खरसांवा में 1420, सिमडेगा में 758,, रामगढ़ में 609, लातेहार में 1057,पश्चिमी सिंहभूम में 2064, पूर्वी सिंहभूम में 1597, खूंटी में 769 विद्यालय संचालित है। इन सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र-छात्राएं क्षेत्रीय या जनजातीय भाषा का प्रयोग करते हैं।

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