मयूरहण्ड के लापता बच्चे को चौपारण के युवक ने ढूंढा, इचाक के मंदिर में इस हालात में मिला गौरव

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मयूरहण्ड के लापता बच्चे को चौपारण के युवक ने ढूंढा, इचाक के मंदिर में इस हालात में मिला गौरव

मयूरहण्ड के लापता बच्चे को चौपारण के युवक ने ढूंढा, इचाक के मंदिर में इस हालात में मिला गौरव

चौपारण : बीते तीन दिन पूर्व मयूरहण्ड प्रखण्ड के ग्राम बेलखोरी का गौरव कुमार राणा उम्र लगभग 13 – 14 वर्ष पिता सुभाष राणा लापता हो गया था और रात भर घर वापस नहीं लौटने पर युवक के परिजन काफी परेशान हो गए थे। जिसके बाद प्रखण्ड के दादपुर के कृष्णा राणा ने राँची एक्सप्रेस के संवाददाता को लापता बच्चे के बारे में जानकारी देते हुए सभी ग्रुप में डालने का आग्रह किया।

ग्रुप में डालने के बाद शोशल मीडिया के कई ग्रुप में तेजी से लापता बच्चे के फ़ोटो को वायरल किया गया। जिसका परिणाम हुआ कि लापता बच्चा गौरव कुमार राणा सुरक्षित अपने घर पहुंच चुका है।

सोशल मीडिया का दिखा असर

सोशल मीडिया में लापता बच्चे का खबर वायरल होने के बाद हज़ारों लोगों ने फ़ोटो को देखा। इसी क्रम में प्रखण्ड के सोहरा निवासी अर्जुन राणा जिनकी पत्नी इचाक में जेएसएलपीएस में जॉब करती है। उन्ही को लेकर वह इचाक के बुढ़िया माता मंदिर पूजा करने जा रहे थे। इसी क्रम में वे इचाक मोड़ स्तिथ शिवमन्दिर में भी पूजा करने के लिए रुके थे।

पैसा मांगते देख हुआ शक

पूजा करने के बाद एक युवक इनके पास आकर पैसे की मांग करने लगा। तो गौर नहीं किया। वह लड़का फिर से बाहर में गमच्छा बिछाकर बैठ गया तो अर्जुन राणा को शक हुआ कि यह लापता बच्चा जैसा दिख रहा है। तब उसने मोबाइल में व्हाट्सएप खोलकर बच्चे के फोटो का मिलान किया। तो शक और भी हकीकत में बदल गया। तब उसने बच्चे का नाम पूछा तो नाम गौरव बताया फिर पिता का नाम पूछा तो पिता का नाम सुभाष राणा बताया। तब सोहरा के अर्जुन राणा ने दिए गए नम्बर पर फोन कर गार्जियन को जानकारी दी। तो बच्चा डर से रोने लगा बोला कि मेरे पापा को फोन नहीं कीजिए नहीं तो और हमको मारेंगे। और पुनः भागने का कोशिश करने लगा, पर वहां भीड़ जमा हो गया और सभी ने लड़के के परिजनों के आने तक पकड़ कर रखा।

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पिता के डांटने से भागा था बच्चा,खाने के लिए भटकता रहा बच्चा

मिली जानकारी के अनुसार बाइक चलाने की वजह से पिता ने डांटा था। और डांट के कारण आठवीं कक्षा का छात्र गौरव कुमार राणा घर से भाग गया था। और एक बाइक से लिफ्ट लेकर इचाक के मंदिर में पहुंच गया। जहां रात में कीर्तन हो रहा था। वह वहीं पर रात भर कीर्तन में भूखे प्यासे रहा। और सुबह में भी वहीं मंदिर में भटकता रहा । दिनभर भूखे प्यासे रहा और इधर उधर से मांग कर कुछ खाया। वहीं रात में भी वहीं रुका और अगले दिन अर्जुन राणा को नजर पड़ी तब वह फोन कर अभिभावकों को बच्चे को सौंपा।

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