बीएड वाले नहीं बन सकते हैं प्राइमरी टीचर, पर प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को प्राइमरी स्कूलों में इंटर्नशिप, प्रशिक्षुओं के सामने ये समस्या
बीएड की डिग्री वाले प्राथमिक स्कूलों (1 से 5 ) में शिक्षक नहीं बन सकते हैं। बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अहम फैसले में बीएड प्रशिक्षण की डिग्रीधारियों को प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने पर रोक लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले आलोक में राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्ष परिषद (एनसीटीई) ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर इस में अवगत कर करा दी है
फिर भी बीएड कोर्स की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप या ट्रेनिंग के लिए प्राइमरी स्कूलों में ही भेजा जा रहा है। जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश और नाराजगी है।
राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) के नियम के मुताबिक बीएड पास आउट अभ्यर्थी प्राथमिक स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते हैं। उसके बाद भी राज्य में हजारों की संख्या में बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को प्राइमरी स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए भेजा गया है।
ट्रेनिंग कॉलेज के शिक्षक एवं प्रशिक्षु अभ्यर्थी कहते हैं कि बीएड की ट्रेनिंग ले रहे छात्र-छात्राओं को प्राथमिक स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए भेजे जाने का कोई लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि बीएड पास करने वाले अभ्यर्थी हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होंगे। ऐसी स्थिति में प्रतिदिन 60-70 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रों के प्राइमरी स्कूलों में जाकर बीएड प्रशिक्षु ड्यूटी कर रहे हैं। जिसमें प्रतिदिन आने-जाने में 100 रुपए से अधिक का खर्च हो रहा है।
वहीं शिक्षक का अनुभव भी बेकार चला जाएगा। क्योंकि बीएड की डिग्री के आधार पर प्राइमरी स्कूल में टीचर नहीं बन पाएंगे। गौरतलब हो कि राज्यभर के 136 बीएड कॉलेजों के छात्रों का इंटर्नशिप चल रहा है।
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