राज्य सरकार द्वारा 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एसटी/ एससी विद्यार्थियों पर किए गए मुकदमे को वापस लेने का निर्णय लिए जाने पर आदिवासी छात्र संघ और समस्त आदिवासी -मूलवासी संगठन ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का जताया आभार, किया जोरदार स्वागत
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रतियोगिता परीक्षाओं के आवेदन शुल्क को माफ करने पर सरकार जल्द लेगी निर्णय
राज्य सरकार द्वारा 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान एसटी/ एससी विद्यार्थियों पर किए गए मुकदमे वापस लेने का निर्णय लिए जाने पर आदिवासी छात्र संघ और समस्त आदिवासी -मूलवासी संगठन और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का जोरदार स्वागत करते हुए आभार जताया जताया।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने झारखंडी आत्मा की लड़ाई लड़ी थी। आप पर लाठी डंडे चले थे। आपके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए। इसे देखकर हमें भी काफी तकलीफ हुई थी। ऐसे में जब हमारी सरकार बनी तो इस तरह के मामलों में पूरी संवेदनशीलता के साथ विचार करते हुए झारखंड के आदिवासी -मूलवासी के हित में लगातार निर्णय ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका जोश और उत्साह को देखकर सरकार को भी ताकत मिलती है।
40 वर्ष अलग राज्य लेने में लग गए, 20 वर्ष आपको आपका हक -अधिकार देने में
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 40 वर्षों के संघर्ष और आंदोलन के बाद हमें अलग झारखंड राज्य मिला । इस दौरान हज़ारों लोगों ने अपनी शहादत दी। लेकिन, अलग राज्य बन जाने के 20 वर्षों के बाद भी आदिवासी -मूल वासियों को उनका हक और अधिकार नहीं मिला। स्वाभिमानी झारखंडियों को हमेशा दिग्भ्रमित करने का प्रयास होता रहा। लेकिन, जब हमारी सरकार बनी तो यहां के आदिवासियों मूलवासियों दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को पूरे मान- सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार दे रहे हैं।
यहां काम करने वालों को आदिवासी- मूलवासी के साथ मिलकर रहना सीखना होगा