कतर में इंडियन नेवी के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा, भारत स्तब्ध देगा चुनौती
पिछले साल कतर में गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व भारतीय नेवी ऑफिसर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाया है। अदालत के इस फैसले पर भारत सरकार भी स्तब्ध हैं। ये सभी लोग कतर की एक निजी कंपनी में कार्य कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग एवं अन्य सेवाएं प्रदान करती है।मामले से अवगत लोगों ने कहा है कि इन सभी पर जासूसी करने का आरोप लगा है। इन रिटायर्ड नौसैनिकों को कतर के गृह मंत्रालय ने बंदी बनाया था।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर बताया कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दहरा कंपनी के 8 भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है। हम मृत्युदंड के फैसले से गहरे सदमे में हैं एवं विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं।’ हम परिवार के सदस्यों व कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं और बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम फैसले को क़तरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।
इस कंपनी में काम करने वाले आठ पूर्व नौसैनिकों के ये है नाम
कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेदु तिवारी, कमांडर संजीव गुप्ता और सेलर रागेश। इन सभी को जासूसी के आरोप में पूछताछ करने के लिए इनके स्थानीय निवास से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार अधिकांश पूर्व अधिकारियों की उम्र 60 साल से ज्यादा है।
भारतीय नौसेना के ये सभी आठ पूर्व ऑफिसर पिछले वर्ष अगस्त से ही कतर के जेल में बंद हैं। कतर ने अभी तक इन सभी पूर्व ऑफिसर्स के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं दिया है।
मौत की सजा के फैसले से भारत सरकार ने कहा कि हम हैरान हैं और फैसले की डिटेल्ड कॉपी का इंतजार कर रहे हैं।
गिरफ्तार में से एक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित ऑफिसर भी
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) को शामिल है। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मान मिला था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके है
मेंतू ने 8 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, “ये पूर्व नौसेना अधिकारी देश के गौरव हैं,मैं प्रधानमंत्री मोदी से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि अब समय आ गया है कि उन सभी को बिना किसी देरी के तुरंत भारत वापस लाया जाए”।