देश भर में 150 से अधिक विश्वविद्यालयों में 2023-24 के सत्र में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू किया गया है।

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 देश भर में 150 से अधिक विश्वविद्यालयों में 2023-24 के सत्र में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, जिसे FYUP कहा जाता है, लागू किया गया है। इनमें कई प्रमुख विश्वविद्यालय शामिल हैं, जैसे कि DU और AMU में यह पाठ्यक्रम प्रारंभ हो गया है, और बेंगलुरु विश्वविद्यालय ने बीए और बीएससी में चार वर्षीय सम्मान प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। कोलकाता और मुंबई विश्वविद्यालयों में भी छात्रों के पास इसके विकल्प हैं। UGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले सत्र में इस संख्या में दोगुनी वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि FYUP को अब तक अनिवार्य नहीं किया गया है, और विश्वविद्यालय तीन साल का पाठ्यक्रम भी चला सकते हैं, लेकिन चार वर्षीय पाठ्यक्रम में अधिक विकल्पों और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ भारतीय संस्थानों के साथ टाईअप की मांग बढ़ रही है।

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तीन साल में डिग्री का भी विकल्पः UGC अध्यक्ष का कहना है कि ग्रेजुएशन कोर्सेज में लचीला मॉडल अपनाया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत चार वर्ष का UG कोर्स, छात्रों को अड़िशनल कोर्स, इंटर्नशिप, और रिसर्च के मौके देता है। छात्र इस मॉडल में स्किल ट्रेनिंग के कोर्स कर सकते हैं। इंटर्नशिप को भी कोर्स का हिस्सा बनाया गया है। जहां चार साल का UG कोर्स शुरू किया गया है, वहीं छात्र चाहें तो तीसरे वर्ष के अंत में एग्जिट विकल्प का उपयोग करके तीन साल की डिग्री पा सकते हैं।

 

UGC की हालिया गाइडलाइंस चार साल के UG कोर्स की अहमियत को बढ़ाती हैं। अब देश की यूनिवर्सिटी रैकिंग सिस्टम के दायरे में आ रही हैं। और कंपीटिशन के दौर में नए कोर्स को अपनाने वाली यूनिवर्सिटी को इसमें फायदा मिल रहा है। UGC ने रिसर्च फेलोशिप की राशि भी बढ़ा दी है। ग्लोबल स्टैंडर्ड के लिए भी अब यह कोर्स जरूरी हो चला है। यही कारण है कि इस कोर्स को अपनाने वाली यूनिवर्सिटी की संख्या बढ़ रही है। उम्मीद है कि अगले साल ऐसी यूनिवर्सिटी 300 से ज्यादा होगी।

 

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