झारखंड में गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि पर विवाद सुलझाने के लिए बनेगी नई नीति

झारखंड में गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि पर विवाद सुलझाने के लिए बनेगी नई नीति

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झारखंड में गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि पर विवाद सुलझाने के लिए बनेगी नई नीति

झारखंड में गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि पर विवाद सुलझाने के लिए बनेगी नई नीति

गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि पर विवाद सुलझाने के लिए झारखंड सरकार नई नीति बनाएगी। बतादे की इसके उपयोग के संबंध में सीएनटी या एसपीटी एक्ट में खास उल्लेख नहीं है। अब सरकार यह स्पष्ट करने की तैयारी में है कि गैर मजरूआ भूमि पर निजी व्यक्ति का क्या हक है या सरकार का किस प्रकार अधिकार व नियंत्रण है।

गैर मजरूआ भूमि को अब झारखंड की हेमंत सरकार लैंड रिफॉर्म्स एक्ट 1950 के तहत नई नीति तैयार कर परिभाषित करेगी। इसके लिए सीएम ने निर्देश दी है। इसके बाद राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने एक समिति का भी गठन किया है। समिति अपना मंतव्य सहित स्पष्ट प्रतिवेदन दो माह के अंदर विभाग को सौपेंगी।

झारखंड के विभिन्न जिलों में अलग-अलग समय में रिकॉर्ड ऑफ राइट्स का अंतिम प्रकाशन हुए कई वर्ष बीत गए हैं। गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि के उपयोग के संबंध में नियमित रूप से क्षेत्रीय कार्यालय एवं विभाग में अनेक शिकायतें प्राप्त होती हैं एवं उसके संबंध में उत्पन्न विवादों के फलस्वरूप विभिन्न न्यायालयों में अनेक मुकदमे भी राज्य सरकार के विरुद्ध किए गए हैं।

नीति निर्धारण के लिए समिति का गठन गैरमजरूआ भूमि के उपयोग के संबंध में नीति निर्धारण की आवश्यकता को देखते हुए सभी संबंधित अधिनियम, नियम, परिपत्र का अध्ययन कर प्रतिवेदन तैयार करने के लिए पांच सदस्यों की समिति का भी गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष भू-अर्जन, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक होंगे।वहीं सदस्यों में राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव संदीप कुमार, वित्त विभाग की ओर से मनोनीत संयुक्त सचिव से अन्यून पदाधिकारी, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त निबंधन महानिरीक्षक शहाब सिद्दीकी एवं राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अवर सचिव शंभु कुमार सिंह को शामिल की गई है।

गैरमजरूआ भूमि के निजी व्यक्ति के उपयोग के संबंध में विस में भी समय-समय पर झारखंड विधानसभा के सदस्यों की ओर से सवाल उठाए जाता है। गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैशर-ए-हिन्द भूमि के उपयोग के संबंध में मुख्य विवाद निजी व्यक्ति एवं राज्य सरकार के बीच है, जिसमें समय-समय पर अलग-अलग मामले देखे जाते हैं। जैसे लगान जमा करने के संबंध में, दाखिल-खारिज के संबंध में, दखल के संबंध में, खनन या औद्योगिक उपयोग के समय मुआवजे संबंधी दावे, एनजीडीआरएस अंतर्गत प्रतिबंधित सूची के संबंध में आदि समस्याएं आती हैं।

समिति पांच बिंदुओं पर रिपोर्ट सौपेंगी

1. किन मामलों में बिहार लैंड रिफॉर्म्स एक्ट, 1950 की धारा 4 (एच) के अनुसार स्थानांतरण रद्द किया जाएगा।

2. अवैध जमाबंदी या लगान निर्धारण से संबंधित अन्य मामले जो बिहार लैंड रिफॉर्म्स एक्ट, 1950 की धारा 4 (एच) के अंतर्गत नहीं आते है, उनमें जमाबंदी रद्द करने की प्रक्रिया क्या होग ?

3. गैरमजरूआ खास भूमि के किसी भूखंड को किस आधार पर राष्ट्रीय जेनेरिक डीड पंजीकरण प्रणाली (एनजीडीआरएस) में प्रतिबंधित सूची से बाहर की जाए

4. गैरमजरूआ आम/गैरमजरूआ खास/कैशर-ए-हिन्द भूमि एवं उस पर अवस्थित संरचना के संबंध में किस परिस्थिति में भू-अर्जन के समय निजी व्यक्ति को मुआवजे का भुगतान की जाए।

5. समिति प्रतिवेदन तैयार करने के क्रम में आवश्यकतानुसार अन्य राज्यों के अधिनियम/नियम/परिपत्र का अध्ययन या भ्रमण भी करेगा जहां इस विषय के संबंध में मिलती-जुलती परिस्थिति है।

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