JEPC : सेवानिवृत्त के बाद पारा शिक्षकों को और मृत्यु के बाद आश्रितों को एक मुश्त राशि का भुगतान,कल्याण कोष पर नहीं बनी सहमति

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JEPC : सेवानिवृत्त के बाद पारा शिक्षकों को और मृत्यु के बाद आश्रितों को एक मुश्त राशि का भुगतान,कल्याण कोष पर नहीं बनी सहमति

JEPC : सेवानिवृत्त के बाद पारा शिक्षकों को और मृत्यु के बाद आश्रितों को एक मुश्त राशि का भुगतान,कल्याण कोष पर नहीं बनी सहमति

JEPC : झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (जेईपीसी) व विभिन्न संघो के बीच हुई वार्ता में कई सहमति बनी। बैठक में पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में हुए निर्णय के मुताबिक अब सेवानिवृत्ति के बाद पारा शिक्षकों को एवं मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को राशि का भुगतान होगा ।
इसके लिए झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) को कल्याण कोष के लिए हर माह 507 रुपये देने पड़ेंगे। यह राशि पारा शिक्षकों के बैंक खाते से कटेगी और कल्याण कोष में जमा जमा होगा।

मंगलवार को जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी की अध्यक्षता में बैठक में आयोजित हुआ था। बैठक में सपष्ट हुआ कि 2052 तक सभी 60 हजार 303 पारा शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे और अगले पांच साल तक जो पारा शिक्षक सेवानिवृत्त होंगे उन्हें रिटायरमेंट के समय 50 हजार रुपये एकमुश्त मिलेगी और मृत्यु होने के बाद उनके आश्रित को एक लाख रु मिलेंगे। वहीं अगले पांच से 10 साल के बीच सेवानिवृत्त होने वाले पारा शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के समय एक लाख रुपये एवं मृत्यु के बाद भी आश्रित को एक लाख मिलेंगे।

इसी तरह 10-15 वर्ष, 15-20 वर्ष, 20-25 वर्ष और 25 वर्ष से अधिक समय में सेवानिवृत्त होने पर अलग-अलग राशि तयकी जा रही है। जिसमें जितनी राशि पारा शिक्षकों की जमा होगी वह सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें ब्याज के साथ वापस मिलेगा।

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि पारा शिक्षक जो तीन मार्च 2020 से 20 सितंबर 2023 तक सेवानिवृत्त हुए हैं या फिर जिनका निधन हो गया है, उन्हें भी राशि दी जाएगी। ऐसे पारा शिक्षकों के लिए पांच साल तक में सेवानिवृत्ति पर 50 हजार एवं मृत्यु पर एक लाख की राशि के प्रावधान को लागू किया जाएगा। इसके लिए वर्तमान में कार्यरत पारा शिक्षक हर महीने दिये जाने वाले 507 रुपये के अलावा अतिरिक्त राशि की भी कटौती करवाएंगे।

कल्याण कोष के एक मुश्त राशि पर तैयार नहीं शिक्षक

बैठक में प्रतिनिधियों को बताया गया कि अगर वे प्रति माह 507 रुपये का योगदान कल्याण कोष में देते हैं, तो उन्हें सेवानिवृत्त होने या किसी शिक्षक के निधन होने पर उनके परिजनों को एक लाख रुपये मिलेगा। जिस पर प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई। प्रतिनिधियों का कहना था कि वर्ष 2052 में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक की अपनी राशि ही 1.75 लाख से अधिक जमा होगी फिर उन्हें एक लाख रुपये किस आधार पर दी जाएगी। बैठक में कल्याण कोष से मिलने वाली राशि पर सहमति नहीं बन पाई।

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