सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने एवं राज्यकर्मियों का दर्जा के लिए चंडी पाठ

सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने एवं राज्यकर्मियों का दर्जा के लिए चंडी पाठ

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सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने एवं राज्यकर्मियों का दर्जा के लिए चंडी पाठ

सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने एवं राज्यकर्मियों का दर्जा के लिए चंडी पाठ

वित्त रहित इंटर कॉलेज , उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय एवं मदरसा विद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों को राज्य कर्मी का दर्जा देने एवं सरकारी कर्मियों के समान वेतन देने की मुख्य मांग को लेकर राजभवन के सामने विशाल धरना एवं चंडी पाठ किया। और राज्यपाल को ज्ञापन दिया।

चंडी पाठ संस्कृत शिक्षकों ने पीला वस्त्र पहनकर पूरे विधि विधान के साथ किया। अंत में उन लोगों ने हवन करते हुए सरकार को सद्बुद्धि देने का चंडी पाठ में मां दुर्गा से प्रार्थना किया की। मां दुर्गा सरकार को सुबुद्धि दीजिए की वित्त रहित स्कूल कॉलेज जो 25 -30 वर्षों से चल रहे हैं ऊन शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिले अन्य हजारों शिक्षक चंडी पाठ के समर्थन में बैठे रहे।

राज्य भर के 1000 से ज्यादा शिक्षक इस विषम परिस्थिति में जबकि कल से लगातार बारिश हो रही थी फिर भी भिगते हुए धरना स्थल पर आए और बैठे रहे।

बहुत से शिक्षक बारिश से में भिंगते रहे पर धरना स्थल पर डटे रहे

मुख्यमंत्री सदन में जो आश्वासन दिए हैं उसका पालन किया जाए । स्कूली शिक्षा एंव साक्षरता विभाग ने कार्मिक का पत्र जो लिखा है उसपर अभिलंब कार्रवाई किया जाए ।

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव ने दिनांक 17 .10. 2021 को पत्र लिखा था कि मुख्यमंत्री के सचिवालय के पत्र और सदन में आश्वासन के आलोक में वित्त रहित शिक्षा नीति समाप्त करते हुए शिक्षक कर्मियों को सरकारी कर्मी के समान वेतन दिया जाए । शिक्षक मांग कर रहे थे कि 2020-21 के अनुदान की राशि जो विभाग में लंबित है उसे अभिलंब निर्गत किया जाए। क्योंकि उसमें से 42 स्कूलों को अनुदान दे दिया गया है ।और शेष स्कूलों का बिना कारण अनुदान रोक कर रखा गया है। अनेकों बार मोर्चा के प्रतिनिधि शिक्षा सचिव से मिले शिक्षा सचिव बार-बार आश्वासन देते हैं कि जल्द ही राशि निर्गत कर दी जाएगी लेकिन अभी तक राशि निर्गत नहीं हुई ।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के बहुत से स्कूलों कॉलेजों के अनुदान की राशि बिना कारण विभाग में लंबित है और उसे निर्गत नहीं किया जा रहा है।

शिक्षकों की मांग थी कि अनुदान नियमावली 2015 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री का अनुमोदन हो चुका है। अभी तक ग्रेडिंग के नाम पर संलेख विभाग द्वारा नहीं बनाया गया है। और ना ही संलेख वित्त और विधि को भेजा गया ।

धरना स्थल पर मोर्चा के नेताओं का कहना था कि झारखंड राज्य वित रहित शैक्षणिक संस्थान अनुदान अधिनियम 2004 में ग्रेडिंग का कोई प्रावधान नहीं है ।बिना कारण चौगुना अनुदान के प्रस्ताव को रोक कर रखा गया है।

जिससे शिक्षकों में काफी रोष है और इसी के तहत आज 02 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन मोर्चा ने विशाल धरना और चंडी पाठ किया । चंडी पाठ के कारण पूरे राज भवन स्थल का माहौल भक्तिमय में हो गया था।

महा धरना का नेतृत्व कुंदन कुमार सिंह, रघुनाथ सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, अरविंद सिंह, नरोत्तम सिंह, चंदेश्वर पाठक ,अनिल तिवारी, देवनाथ सिंह, गणेश महतो, मनीष कुमार ,रघु विश्वकर्मा, वीरेंदर सिंह, डालेश चौधरी कर रहे थे ।

बैठक में राज्य सरकार द्वारा इंटर कॉलेज के छात्रों के प्लस टू विद्यालय में शिफ्टिंग का एक स्वर से जोरदार विरोध किया गया ।और शिक्षकों ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में शिफ्टिंग नहीं होने दिया जाएगा।

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