अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र निर्गत में बड़ा खेला,पूर्व सीएम रघुवर ने सीएम हेमन्त को भेजा पत्र
अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का क्या क्या आधार होना चाहिए। लेकिन आपकी सरकार इस अहम मुद्दे पर मौन है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिखा है।
जिसमें कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी आपसे अनुरोध है कि अनुसूचित जनजाति समाज के हित में केरल हाईकोर्ट के फैसले को झारखंड में उतारने का काम करें। केरल हाईकोर्ट के निर्णय का सार इस प्रकार है-
आवेदक के माता एवं पिता दोनों ही अनुसूचित जनजाति के सदस्य होने चाहिए। उनके माता-पिता का विवाह संबंधित जनजाति के रूढ़ियों एवं परंपरा के अनुसार किया गया होना चाहिए। उनका विवाह जनजाति समाज द्वारा किया गया हो एवं उसे समाज के द्वारा मान्यता दी गई हो। आवेदक एवं उसके माता-पिता के द्वारा जातिगत रूढ़ियों, परंपराओं एवं अनुष्ठान का पालन किया जा रहा है।
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आवेदक एवं उसके माता-पिता के द्वारा अपने पूर्वजों की विरासत एवं उत्तराधिकार के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। इन सब मामलों की जांच के पश्चात् ही जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी आपसे आग्रह है कि कार्मिक विभाग से अविलंब निर्देश जारी करायें कि जो व्यक्ति जनजाति समाज के रिति रिजाव नहीं मानते हों, उनका जाति प्रमाण पत्र निर्गत न किया जाये।
अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र