वित्तरहित इंटर कॉलेजों का +2 स्कूलों में होगा विलय,सीएम ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई
झारखंड केवित्तरहित इंटर कॉलेजों का प्लस टू स्कूलों में विलय होगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपनी मुहर लगा दी। झारखंड के 317 वित्तरहित इंटर कॉलेजों में 11वीं और 12वीं में नामांकित सभी छात्र-छात्रा नजदीकी प्लस टू स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। 2024 के नए शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।
बतादें कि इनमें 3,68,897 छात्र-छात्रा नामांकित हैं। इनमें प्रस्वीकृति प्राप्त 192 इंटर कॉलेज हैं और स्थापना अनुमति प्राप्त 125 विद्यालय हैं।
प्रस्ताव पर सहमति के बाद शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। सभी जिलों से तीन दिन में हर वित्तरहित इंटर कॉलेजों की विस्तृत रिपोर्ट मांगा गया है।317 वित्तरहित इंटर कॉलेजों में करीब 2200 शिक्षक और लगभग 2800 शिक्षकेतर कर्मी कार्यरत हैं।
नजदीकी प्लस + 2 स्कूलों में होगा बच्चों का होगा विलय
इधर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा भी सभी जिलों से इंटर कॉलेज से 11वीं व 12वीं में संकायवार छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट मांगा है। संस्थानों को रिपोर्ट में छात्र और छात्रा की अलग-अलग रिपोर्ट देनी है। साथ ही संस्थान किस पंचायत में हैं, किस प्लस टू स्कूल से वह नजदीक हैं एवं उस प्लस टू स्कूल में निर्धारित छात्रों के बैठने की व्यवस्था है या नहीं। ये भी रिपोर्ट देनी है।
वहीं संबंधित इंटर कॉलेज में कितने कमरे हैं एवं कितने शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मी हैं इसकी भी जानकारी मांगा गया है। उसी के आधार पर छात्र-छात्राओं की शिफ्टिंग व संस्थानों के विलय होगी। अगर प्लस टू स्कूलों में निर्धारित छात्रों के लिए कमरे नहीं हुए तो उन इंटर कॉलेजों में स्कूल का नामकरण होगा और वहीं पढ़ाई जारी रखी जा सकती है।
शिक्षक व कर्मचारी भी हो सकते हैं मर्ज
छात्र-छात्राओं की नजदीकी प्लस टू स्कूलों में शिफ्टिंग के बाद इन इंटर कॉलेजों के संस्थानों के शिक्षक-कर्मी को भी मर्ज की जा सकती है। वर्तमान में प्लस टू स्कूलों में नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता रखने वाले शिक्षकों को इसमें शामिल करने पर निर्णय ली जा सकती है। ऐसा होने पर उन्हें अनुदान के बदले वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं दी जा सकती हैं।