मुख्यमंत्री हो तो ऐसा : साढ़े नौ बजे पहुंच गए सचिवालय , पाया 6 मंत्री व 5 बड़े अफसरों को अनुपस्थित , फिर शिक्षा मंत्री को …

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मुख्यमंत्री हो तो ऐसा : साढ़े नौ बजे पहुंच गए सचिवालय , पाया 6 मंत्री व 5 बड़े अफसरों को अनुपस्थित , फिर शिक्षा मंत्री को …

मुख्यमंत्री हो तो ऐसा : साढ़े नौ बजे पहुंच गए सचिवालय , पाया 6 मंत्री व 5 बड़े अफसरों को अनुपस्थित , फिर शिक्षा मंत्री को ...

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, मंगलवार को ठीक सुबह 9.30 बजे शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के चैंबर में पहुंचे। पर शिक्षा मंत्री नहीं थे। मुख्यमंत्री ने उनको फोन लगवाया, उनसे पूछा- ‘साढ़े 9 बज रहा है। अभी तक ऑफिस क्यों नहीं आये हैं?’

मुख्यमंत्री द्वारा विकास भवन एवं विश्वेश्वरैया भवन (सचिवालय) में स्थित कार्यालयों के औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने 6 मंत्री व 5 बड़े अफसरों (विभागीय प्रधान) को अनुपस्थित पाया। नाराजगी जताई और सबको हर हाल में समय पर आने को हिदायत दी।

बतादें कि मुख्यमंत्री, कार्यालय शुरू होने के समय (9:30 बजे) विकास भवन पहुंचे। बाद में विश्वेश्वरैया भवन स्थित कार्यालयों में गए। जहां मुख्यमंत्री का कहना था कि सभी को 9.30 बजे तक कार्यालय पहुंचना है। ऐसा होना ही चाहिए। निरीक्षण के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा- मैं सब जगह देख रहा हूं कि लोग समय पर आते हैं या नहीं? सब लोग समय पर आएं और ठीक ढंग से काम करें।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी अपने चैंबर में नहीं थे। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे छुट्टी लेकर दिल्ली गए हुए हैं।

ये छह मंत्री नहीं मिले

निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, गन्ना उद्योग मंत्री आलोक कुमार मेहता, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत और भवन निर्माण मंत्री डॉ. अशोक चौधरी नहीं मिले। मुख्यमंत्री इन सबके चैम्बर में गए थे। वहीं सिर्फ उत्पाद एवं निबंधन मंत्री सुनील कुमार अपने चैम्बर में मिले।

ये अधिकारी नहीं मिले

निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, कृषि एवं परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव,स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह अपने चैंबर में नहीं थे। सिर्फ पौंड्रिक व रवि दफ्तर में ही थे। सिर्फ उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौड़िक व भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि अपने ही दफ्तर में थे।

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