पारा शिक्षक कहीं फिर से हो गए एक तो सरकार के मंशा पर फिर जाएगा पानी ?
झारखंड में लगभग 62000 पारा शिक्षक कार्यरत हैं। जो अब अलग अलग संघठन में बंट कर वेतनमान पाने के लिए जद्दोजहद करते नज़र आ रहे हैं। आमरण अनशन से लेकर कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। पर पारा शिक्षकों के अलग अलग बंटने के कारण सरकार भी कान में तेल डालकर सोई हुई है।
बीते 30 दिनों से कई
पारा शिक्षक राजभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं , पर हेमन्त सरकार टस से मस नहीं हो रही है। अब फिर से एक मंच पर आने और समन्वय समिति बनाने का अपील की गई है। यदि ऐसा होता है तो झारखंड सरकार के मंशा पर पानी फिर जाएगा।
एक मंच एक सूत्री माँगपत्र पर समन्वय समिति बनाने की पहल
पारा शिक्षक महासंघ / राज्य कमिटी सदस्य एकीकृत मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने एक मंच एक सूत्री माँगपत्र को लेकर समन्वय समिति बनाने की पहल की है।
उन्होंने एक संदेश जारी कर कहा है कि मित्रों ये समय है एकजुटता, अखंडता ,चट्टानी एकता का परिचय देने का नही तो ये सरकार टहला बहलाकर अपना कार्यकाल विगत चार वर्षों तक पूरा कर ली है अब चुनावी वर्ष में अगर लेना है तो एकता दिखाना होगा
मैं संजय कुमार दूबे अध्यक्ष महासंघ और एकीकृत मोर्चा का राज्य कमिटी सदस्य आप सभी विभिन्न सहायक अध्यापक के संगठनों के शीर्ष नेतृत्वकर्ता से अनुरोध करता हूँ कि आप सभी तीन तारीख को एक जगह एक साथ बैठकर पारा शिक्षकों के हित के लिए एक मंच का निर्माण करें। एक बैनर का निर्माण करें।एक समन्वय समिति एक माँगपत्र का निर्माण कर उसे सरकार से लेने के लिए आगे बढे
सभी से निवेदन है एक मंच एक सूत्री माँगपत्र पर आगे बढे।
1. जेटेट और आँकलन उत्तीर्ण को तत्काल वेतनमान
2. सीटेट को जेटेट के समतुल्य किया जाय