35 सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चौपारण पहुंचा फोटोग्राफर, सुनाई दर्दभरी आपबीति
झारखण्ड के 24 जिलो में विगत 18 दिसंबर से पैदल यात्रा कर जैनामोड़ बोकारो निवासी आर्या गुप्ता देर शाम चतरा इटखोरी से होते हुए चौपारण पहुँचने पर उनका अभिनव आनंद एबी फोटोग्राफर ने स्वागत किया व चौपारण स्थित होटल सेलिब्रेशन में रहने व खाने का प्रबंध किया।
झारखंड की कला, संस्कृति और इतिहास को सहेज कर परोसने की तमन्ना है- आर्या गुप्ता
आर्य का मकसद है कि वो झारखण्ड की 24 जिलो की पहचान कला ,संस्कृति, इतिहास, पर्व, पर्यटन स्थल,देश के आजादी में यहाँ के क्रांतिकारियों का सहयोग, देश की आर्थिक स्थिति में झारखण्ड राज्य के 40% खनिज संपदा को सहेज कर वे अपने यूट्यूब चैनल फ्लाइंग आर्या 15 के माध्यम से लोगो के बीच परोस रहे है
ताकि झारखण्ड और झारखण्ड वासियो को जाने और समझने का अवसर मिले और झारखंड व झारखंडवासियों का वास्तविक तस्वीर लोगो तक पहुंचे।
आर्या गुप्ता ने स्पष्ट करते हुए अपने मकसद को बताया कि यह यात्रा किसी राजनीतिक पार्टी, संगठन या निजी लाभ के लिए नही कर रहे, और ना ही इसके लिये किसी से आर्थिक सहयोग लिया है, परंतु लोगो से भोजन व शाम होते ही एक रात ठहरने की इच्छा जताते हुए, वे बताते हैं कि अब तक उन्होंने 14 जिलों की 35 सौ किलोमीटर की पैदलयात्रा कर चुके हैं जिनमे बोकारो, रामगढ़, राँची, सरायकेला खरसावां, पूर्वी ,व पश्चिमी सिंहभूम, खूँटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, गढ़वा, प्लामु, चतरा के शहर व सुदूरवर्ती इलाको की भ्रमण कर चुके है।
अब वे चौपारण से कोडरमा बरही होते हुए हज़ारीबाग जायेंगे। ऐसी यात्रा करते हुए वे बाकी 10 जिलों में जाकर यात्र संपन्न करेंगे संभवतः वे अपनी यात्रा अगले वर्ष 2024 में खत्म करेगे।
सुनाई दर्द भरी आपबीति
उन्होंने यात्रा की आपबीती बताते हुए कहा कि लोगों से उत्साहवर्द्धक सहयोग की अपेक्षा है। क्योंकि पैदलयात्रा इतना आसान नही होता है। उन्होंने यात्रा की परेशानियों को जिक्र करते हुए बताया कि कई बार बैग जूते ओर कपड़े भी फट जाते है, और रात में ठहरने व खाने की समस्या उत्पन्न होती है। लेकिन समाज में ऐसे कई लोग है जो इस मुश्किल यात्रा करने वालो के लिए निःस्वार्थ सेवा के लिए तत्पर रहते है।