झारखंड के अल्पसंख्यक स्कूलों में साक्षात्कार से नहीं होगी नियुक्ति, वेतन भुगतान में भी होगा बदलाव

नियुक्तियों के बाद शिक्षकों के प्रारंभिक वेतन भुगतान में होने वाली देरी को दूर करने के लिए गाइडलाइन तैयार की गयी है. नियोजित शिक्षकों की सेवा अनुमोदन को लेकर भी दिशा-निर्देश तैयार किये गये हैं.
झारखंड के ‘गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय’ और ‘गैर सरकारी सामान्य सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय’ में शिक्षकों की नियुक्ति एवं सेवा अनुमोदन प्रावधानों में संशोधन होगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार किया है. शिक्षा विभाग ने शिक्षक सेवा अनुमोदन एवं वेतन भुगतान को लेकर पूर्व में जारी पत्रों को भी रद्द करने का निर्णय लिया है.
विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में बताया गया है कि ‘गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय’ और ‘गैर सरकारी सामान्य सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय’ में नियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान उनकी नियुक्ति तिथि के आधार पर होगा. विभाग ने पूर्व में जारी पत्र में कहा था कि वेतन भुगतान सेवा स्वीकृति की तिथि के आधार पर निर्धारित किया जायेगा. अब तक, इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियाँ या तो लिखित परीक्षा या स्कूल प्रबंधन द्वारा आयोजित साक्षात्कार के आधार पर की जाती थीं। नियुक्तियों के लिए अब साक्षात्कार नहीं लिए जाएंगे
15 दिन में देना होगा अनुमोदन :
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जांच के बाद प्रक्रिया सही पाये जाने पर 15 दिनों के अंदर नियुक्ति की मंजूरी दे दी जायेगी. यदि प्रक्रिया में त्रुटियों की पहचान की जाती है, तो प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से संबंधित त्रुटियों का उल्लेख करते हुए 15 दिनों के भीतर स्कूल प्रबंधन समिति को वापस करना होगा। स्कूल प्रबंधन समिति को सात दिन के भीतर इस पर कार्रवाई करनी है।
पदाधिकारी का नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य
विभाग के प्रस्ताव के अनुसार विभागीय प्रतिनिधि को संबंधित पर्यवेक्षी पदाधिकारी की भूमिका में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी/प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करना अनिवार्य है. विद्यालय प्रबंधन समिति को समिति की बैठक से कम से कम सात दिन पहले संबंधित अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी।
10 दिन के अंदर पदाधिकारी को देनी होगी शिक्षक की नियुक्ति की जानकारी
शिक्षक नियुक्ति चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विद्यालय प्रबंधन समिति को 10 दिनों के अंदर पर्यवेक्षी पदाधिकारी को सूचित करना होगा. इसके बाद संबंधित अधिकारी को सात दिनों के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सत्यापित करेंगे कि विभाग द्वारा निर्धारित नियुक्ति प्रक्रिया के प्रावधानों का पालन किया गया है या नहीं l