सितम्बर के बाद कई स्कूलों के शिक्षकों पर होगी कारवाई : के रवि कुमार
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में अगस्त माह से बच्चों का वीकली टेस्ट लेने का आदेश शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया है ।
शनिवार को पांचवां टेस्ट स्कूलों में लिया गया, इसमें कितने स्कूलों में परीक्षा हुई, इसका रिपोर्ट दो दिन बाद आएगा। पर चौथे वीकली टेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के अधिकतर जिलों में 50% से कम स्कूलों में वीकली टेस्ट लिया गया है।
देवघर में सबसे ज्यादा 1975 में से 1206 स्कूलों में टेस्ट लिया गया और लातेहार के एक भी स्कूल में वीकली टेस्ट नहीं लिया गया।
शिक्षा सचिव के रवि कुमार के निर्देश के अनुसार सितंबर के अंत में सभी बीईईओ के इसकी समीक्षा करेंगे। उन्हें पूरी रिपोर्ट के साथ बुलाया जाएगा। सभी स्कूलों में टेस्ट लेना अनिवार्य किया गया है। बच्चों का टेस्ट लेना है और रिजल्ट देना है। जो स्कूल टेस्ट नहीं लेगा। उसके हेडमास्टर पर कार्रवाई की जाएगी।
बतादें कि शिक्षा विभाग का टेस्ट के आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट अच्छा हो, इसलिए वीकली टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है। बच्चों के वीकली टेस्ट का नंबर फाइनल एग्जाम में भी जुड़ेगा, ताकि वार्षिक परीक्षा में बच्चों के मार्क्स का प्रतिशत अच्छा हो पर शिक्षकों की लापरवाही नजर आ रही है।
शिक्षकों के मोबाइल पर भेजा जा रहा प्रश्न पत्र
शिक्षा विभाग के द्वारा टेस्ट के लिए प्रश्न पत्र शिक्षकों के मोबाइल पर भेजा जाता है, जिसको शिक्षकों को ब्लैक बोर्ड पर लिखकर टेस्ट लेना है। राज्य के केवल 748 स्कूलों में इसी तरह टेस्ट ली गई, वहीं 78 हजार बच्चे टेस्ट से वंचित रह गए। इस संबंध में झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी महासचिव गौतम सिंह ने बताया कि लगभग सभी स्कूलों में वीकली टेस्ट लिया जा रहा है पर रिपोर्ट अपलोड नहीं कर पाने के कारण ऑनलाइन नहीं दिख रहा है। टेस्ट का रिपोर्ट भी सभी को अपलोड करना है।