राज्य के अक्षम और नकारा अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार देगी दंड, अनिवार्य सेवानिवृति देने का प्रस्ताव

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राज्य के अक्षम और नकारा अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार देगी दंड, अनिवार्य सेवानिवृति देने का प्रस्ताव

राज्य के अक्षम और नकारा अधिकारियों-कर्मचारियों को सरकार देगी दंड, अनिवार्य सेवानिवृति देने का प्रस्ताव

कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग ने राज्य के अक्षम और नकारा
अधिकारियों-कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृति देने का प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव कार्मिक विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने मुख्यमंत्री को भेजा है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के उपरांत कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

बतादें कि झारखंड गठन के बाद अबतक सर्विस रिव्यू के आधार पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृति नहीं दी गई है। फिलहाल आरोप एवं दंड के आधार पर ही अनिवार्य की सेवानिवृत्ति मिलती है।

एक उच्च अधिकारियों ने बताया कि सर्विस रिव्यू के माध्यम से निकम्मे अधिकारियों-कर्मचारियों को दंड मिलेगा। पर मंत्रियों अधिकारियों के निशाने पर रहनेवाले कर्मचारी एवं अधिकारी का गला भी फंस सकता है। ईमानदारी और मंत्री-अधिकारी के साथ नहीं चलनेवाले कर्मचारी भी इसके फेरे में आ सकते हैं।

चार तरह की बनेगी कमिटी

कार्मिक विभाग के प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि 15 एवं 25 वर्ष की सर्विस पूरी करनेवाले कर्मियों का रिव्यू होगा। सेवा संहिता में तय प्रावधान के मुताबिक उनकी दक्षता की जांच के बाद अनिवार्य सेवानिवृति दी जाएगी। दक्षता की जांच के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन होगा। सेवा संहिता में चार तरह की कमेटी बनाए जाने का प्रावधान है। जिस स्तर के अधिकारी और कर्मी होंगे, उस स्तर की कमेटियां बनेंगी।

यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के विपरीत

कार्मिक विभाग का यह प्रस्ताव केंद्रीय सेवा के विपरीत है। केंद्र सरकार में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का 15 व 25 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर उनका सर्विस रिव्यू करने एवं अनिवार्य सेवानिवृति देने का प्रावधान है। पर केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए यह प्रावधान 50 व 55 वें वर्ष में सर्विस रिव्यू का है।

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