कस्तूरबा की छात्राओं को मेन्यू के अनुसार नहीं मिलता खाना,हॉस्टल से शाम में निकली छात्राएं
राँची के मांडर स्थित कस्तूरबा स्कूल की सौ छात्राएं विद्यालय से शाम में निकल गई। ये सभी नाराज होकर पैदल ही डीसी से मिलने रांची के लिए निकल पड़ीं। जिसे पुलिस ने नजर पड़ने पर छात्राओं को रोका। और सभी को थाना लाया गया। पर छात्राएं डीसी को बुलाने पर अड़ गईं। सूचना पर मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी वहां पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी के साथ मिलकर छात्राओं को भी समझाया एवं रात करीब 10 बजे उन्हें बस से हॉस्टल भेजा। इस मामले में जानकारी के लिए कई बार वार्डेन इंदु केरकेट्टा को फोन किया गया पर उसने कॉल रिसीव नहीं किया।
क्या है छात्राओं का आरोप
ब्यवस्था से नाराज छात्राएं शाम सात बजे हॉस्टल से निकल गईं। जब छात्राएं रोते हुए बाहर निकली तो लोगों को कुछ समझ में नहीं आया। छात्राए की हाथ में तख्ती थीं। छात्राओं ने थाने में जानकारी दी कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। केवल दो विषय की ही पढ़ाई होती है। वहीं सुबह का नाश्ता कब मिलेगा यह भी निश्चित नहीं रहता। मेन्यू का भी पालन नहीं होता। वहीं किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित भी किया जाता है। शिकायत करने पर 27 जुलाई को 10वीं कक्षा की छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा करके रखा गया था।
सुलेमान मुंडरी, बीडीओ, मांडर ने दी ये आश्वासन
वहीं बीडीओ सुलेमान मुंडरी ने आश्वासन दिया कि शिक्षकों की कमी एवं आंतरिक व्यवस्था को दूर किया जाएगा। वहीं घंटी आधारित शिक्षक बढ़ाने का भी प्रयास होगा। सोमवार को बैठक कर मॉनिटरिंग कमेटी भी बनाई जाएगी जो आंतरिक व्यवस्था पर नजर रखेगी।