बाबा धाम में भगवान शिव पर सुल्तानगंज का ही जल क्यों चढ़ाते हैं, क्या है कारण
देवघर : देश भर में कुल 12 ज्योतिर्लिंग हैं,जिसमें एक देवघर का ज्योतिर्लिंग का भी खास महत्व है . ऐसी मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव जहां-जहां प्रकट हुए वहां-वहां शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजे जाते हैं। इन्हीं 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है वैद्यनाथ धाम, जो झारखंड का देवघर जिले में स्थित है, इसे बाबा धाम के नाम से भी लोग जानते है. इस ज्योतिर्लिंग का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि यहां शक्तिपीठ भी है।
बाबा पर सुल्तानगंज का ही जल क्यों चढाते हैं, क्या है मान्यता
देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर चढाते हैं। शिवभक्त 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ पर अर्पित करते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक सबसे पहले भगवान श्रीराम ने सुल्तानगंज से जलभरकर देवघर तक की यात्रा की थी, इसलिए यह परंपरा तब से आज भी विद्यमान है.
पौराणिक ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान वैद्यनाथ की पूजा विशेषकर रोगमुक्ति एवं कामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है.
भगवान शिव को जल क्यों चढ़ाते हैं
ये है भौतिक कारण
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का एक कारण तो ये भी बताया जाता है कि इससे वहां मौजूद नकारात्मक उर्जा नष्ट होती है। जैसा कि कहते हैं कि शिव ने विषपान किया जिससे उनका मस्तक गर्म हो गया जिसे देवताओं ने उनके सिर पर जल डाल कर शीतल की। यहां मस्तक गर्म होने से अभिप्राय नकारात्मक भावों के आपके भीतर उत्पन्न होने से एवं जल चढ़ा कर शीतल करने से अर्थ है कि उन्हें मन और मस्तिष्क से बहा कर बाहर कर दी जाए एवं स्वंय शीतल हो जायें।
जाने आध्यात्मिक कारण
ये भी तर्क दिया जाता है कि मस्तिष्क के केंद्र यानि इंसान के माथे के मध्य में आग्नेय चक्र होता है जो पिंगला एवं इडा नाड़ियों के मिलने का स्थान है। वहां से आपकी सोचने समझने की क्षमता संचालित होती है एवं इसे शिव का स्थान कहते हैं। आप शांत रहें इसके लिए शिव का मन शीतल रहना भी आवश्यक है। इसीलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है जो शिव को शीतलता देने की प्रतीक है।
जाने वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि सभी ज्योत्रिलिंगो पर सबसे ज्यादा रेडिएशन पाया गया है। एक शिवलिंग एक न्यूक्लिअर रिएक्टर्स की तरह रेडियो एक्टिव एनर्जी से परिपूर्ण होता हैं।
यही कारण है कि इस प्रलंयकारी ऊर्जा को शांत रखने के लिए ही शिवलिंगों पर निरंतर जल चढ़ाया जाता है। क्योंकि शिवलिंग पर चढ़ा पानी भी रिएक्टिव हो जाता है, अतः इस जल को बहाने वाले मार्ग को लांघा नहीं जाता। वहीं शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ जल, नदी के बहते हुए जल के साथ मिलकर औषधि का रूप भी ले लेता है।
सुल्तानगंज का क्या महत्व है?
सुल्तानगंज एक प्राचीन बौद्ध धर्म का केन्द्र है जहाँ पर कई बौद्ध विहारों के अलावा एक स्तूप के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। सुल्तानगंज में बाबा अजगबीनाथ का विश्वप्रसिद्ध एवं प्राचीन मन्दिर है। सुल्तानगंज से एक विशाल गुप्तकालीन कला की भी बौद्ध प्रतिमा मिली है, जो वर्तमान में बर्मिघम (इंग्लैण्ड) के संग्रहालय में सुरक्षित रखा हुआ है।
बाबा धाम मंदिर को कौन बनाया था?
बाबाधाम को भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, ये एक ज्योतिर्लिंग है, जहां शक्तिपीठ भी है. ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना स्वंय भगवान विष्णु ने की है। इस मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।