संविदा कर्मी को नियमित पर सुनवाई, JPSC के सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद हाइकोर्ट का नोटिस
JPSC के सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद हाइकोर्ट का नोटिस भेजा गया हैं। बतादें कि अपराजिता मीणा समेत अन्य ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई है। जिसमें उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि JPSC ने जिनकी नियुक्ति की है, वे अर्हता पूरी नहीं करते।
इस याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
जिसमें असिस्टेंट डायरेक्टर सीनियर फोरेंसिक लेबोरेट्री के पद पर नियुक्ति पर चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सफल अभ्यर्थियों को गृह विभाग के माध्यम से नोटिस भेजा है।
गुरुवार को जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। प्रार्थियों के तरफ से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने बहस की।
वहीं JPSC के तरफ से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने पक्ष को रखा। ज्ञात हो कि असिस्टेंट डायरेक्टर सीनियर फोरेंसिक लेबोरेट्री की परीक्षा JPSC ने आयोजित की थी, जिसमें 11 अभ्यर्थी सफल हुए थे और JPSC के द्वारा इनकी नियुक्ति की गई है। याचिका कर्ता ने कहा है कि JPSC ने जिनकी नियुक्ति की है वे नियमतः पूरी आहर्ता नहीं रखते हैं।
संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की मांग मामले में भी हुई सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में संविदा पर नियुक्त कर्मियों एवं दैनिक कर्मियों की ओर से दायर 87 अलग-अलग याचिकाओं की भी सुनवाई हुई। राज्य सरकार के तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष को रखा, बहस जारी रही। कोर्ट इस सम्बंध में आगे सुनवाई के लिए 31 अगस्त डेट निर्धारित की है।
बतादें कि याचिकाकर्ताओं में संविदा कर्मी एवं दैनिक कर्मी शामिल हैं। इनके तरफ से दायर याचिका में कोर्ट को बताया गया कि वे 10 वर्षों से अधिक समय से संविदा पर या दैनिककर्मी के रूप में कार्य करते आ रहे हैं। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट समेत राज्य सरकार की नियमावली का भी जिक्र करते हुए कहा गया कि उनकी नियुक्ति को नियमित की जानी चाहिए।