बायोमैट्रीक उपस्तिथि मोबाइल से नहीं बनाएंगे शिक्षक,निर्णय
रांची : सरकारी स्कूलों के 952 शिक्षकों के द्वारा ई-विद्यावाहिनी ऐप में लोकेशन चेंज कर हाजिरी बनाने का मामला प्रकाश में आने और सरकार द्वारा जांच का आदेश के बाद शिक्षक संघ भी आक्रमक मूंड में है।
शनिवार को शिक्षकों ने एक स्वर से कहा कि ई-विद्यावाहिनी ऐप में खामी है व शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा है।
झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद एवं प्रदेश प्रवक्ता अरुण दास ने कहा कि अभी निजी मोबाइल से शिक्षक अटेंडेंस बनाते हैं।
अटेंडेंस बनाने के लिए टैब नहीं दिया गया तो शिक्षक अपने मोबाइल से अटेंडेंस नहीं बनाएंगे। कहा कि बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाने के नाम पर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं व शिक्षकों को संदेह के घेरे में खड़ा किया जा रहा है।
ई विद्यावाहिनी के नये वर्जन 2. 2. 6 में भी अब भी कई ख़ामियां हैं। 2 माह पहले इस मामले में लीगल नोटिस दे स्थिति से अवगत कराया गया था, लेकिन खामियों को दूर नहीं किया गया।
मोर्चा के पदाधिकारीयों ने कहा कि हाल में जारी नये ई विद्यावाहिनी एप 2. 2. 6 में मैनुअल उपस्थिति बनाने के विकल्प को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। जीसमें लोकेशन, समय एवं तिथि को नहीं बदला जा सकता है। ऐसे स्थिति में विद्यालयों में बगैर टैब उपलब्ध कराये शिक्षकों पर दोषारोपण करना कहीं से भी उचित नही है।
क्या हो रही है परेशानी
विद्यालय परिसर में भी हाजिरी बनाने पर 100 मीटर दूर से हाजिरी बनने का नोटिफिकेशन आता है।
समय पर विद्यालय आने के बावजूद भी निजी मोबाईल से हाजिरी बनाने एवं सिंक्रोनाइज करने में कई मिनट लग जाता है।
कई शिक्षकों के निजी मोबाईल में उपलब्ध स्कैनर से हाजिरी नहीं बन पाता है।
शिक्षकों के पास मोबाईल नहीं होने या फिर खराब हो जाने की स्थिति में उनके विद्यालय आकर भी अनुपस्थित दिखता है। स्कैनर के खराब होने पर भी बायो मैट्रिक उपस्थिति नहीं दिखता है।
मोर्चा ने कहा कि इस तरह की कई ऐसी कठिनाइयों का सामना से शिक्षकों को मानसिक परेशानी का शिकार आये दिन शिक्षकों को ही होना पड़ता है। मीडिया के माध्यम से शिक्षकों की छवि को जिस नजरिये से पेश किया जा रहा है, यह पूर्णतया सच्चाई से परे है।