JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन चार भाषाओं के हज़ारों अभ्यर्थी नहीं ले सकेंगे भाग

JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन चार भाषाओं के हज़ारों अभ्यर्थी नहीं ले सकेंगे भाग

Join Us On

JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन चार भाषाओं के हज़ारों अभ्यर्थी नहीं ले सकेंगे भाग

JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन चार भाषाओं के हज़ारों अभ्यर्थी नहीं ले सकेंगे भाग
JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में इन चार भाषाओं के हज़ारों अभ्यर्थी नहीं ले सकेंगे भाग

JSSC द्वारा जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन जारी कर दिया गया हैं। इसके लिए 8 अगस्त से आवेदन भरे जाएंगे।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में जेएसएससी ने संस्कृत, उर्दू, उड़िया व बांग्ला को मातृभाषा की श्रेणी
में नहीं रखा गया है जिसने इन 4 भाषाओं के हजारों अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे।

जेएसएससी द्वारा इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन में परीक्षा के पत्र-1 में उर्दू, बांग्ला संस्कृत व उड़िया को शामिल नहीं किए जाने से उपरोक्त चारों भाषा को मातृभाषा के तौर पर रखने वाले अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। यह बातें झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के महासचिव अमीन अहमद ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि बिहार से 4401 उर्दू शिक्षकों (योजना मद) के पद स्वीकृत हैं। जिसमें अब तक 2014 में जैक द्वारा कुल 689 उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। 2016 में स्नातक प्रशिक्षित भाषा शिक्षक पद पर नियुक्ति की गई, जिसमें उर्दू के लिए कोई अलग से पद स्वीकृत नहीं थी।

पेपर 1 में 11 मातृभाषा को किया गया है शामिल

JSSC द्वारा 26001 सहायक आचार्य की नियुक्ति विज्ञापन में पेपर-1 में कुल 11 मातृभाषाओं को शामिल किया गया है पर इसमें उर्दू, संस्कृत, उडिया व बांग्ला को मातृभाषा के रूप में नहीं रखा गया है।। मातृभाषा 100 अंकों का पेपर है। जिसमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य है, इसलिए उर्दू सहित संस्कृत, बांग्ला व उडिया को भी पेपर-2 की जगह पेपर-1 में शामिल करने की मांग की जा रही है।

शिक्षक नियुक्ति नियमावली में एक नहीं, बल्कि कई खामियां : अब्दुल माजिद

इधर झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अब्दुल माजिद ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली में एक नहीं, बल्कि कई खामियां है।


इसे सूचीबद्ध कर जल्द ही झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ सीएम से मुलाकात करेगा और संशोधन कर पुनः नियुक्ति के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी करने की मांग की जाएगी।

उन्होंने बताया कि 2012 के तहत पूर्व से टेट पास अभ्यर्थी सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति की अहर्ता रखते हैं। यह उनके टेट प्रमाण पत्र में उल्लेखित है, जिनकी नियुक्ति वर्षों से लंबित है। ऐसे में टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति किए बिना ही सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी करना असंवैधानिक है, क्योंकि जैक द्वारा टेट सफल उम्मीदवारों की 2016 के पश्चात अब तक नियुक्ति नहीं ली गई है।

बड़ी खबर : झारखंड में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ ये बदलाव, रिजल्ट प्रकाशन के सात दिनों के अंदर देना होगा आवेदन, जाने क्यों

x

Leave a Comment