प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को लेकर सदन में इस विधायक ने उठाई आवाज
मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद शून्यकाल और ध्यानाकर्षण चला । इस दौरान विधायक सरयू राय ने शिक्षा विभाग से जुड़ा ध्यानाकर्षण सवाल किया । उन्होंने कहा कि राज्य में 40,000 प्राइवेट स्कूल चल रहे हैं, लेकिन ( RTI ) आरटीई की नई शर्तों के कारण इन स्कूलों का संचालन कर पाना मुश्किल हो रहा है । जिसके जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आरटीई की यह नियमावली 2010 में बना है। ऐसे में 99 फीसदी स्कूल ऐसे हैं, जिनपर यह नियम लागू नहीं होता है। फिर भी कुछ कठिन शर्तों पर संशोधन के लिए सरकार विचार कर रही है।
पूरे प्रश्नकाल में एक ही प्रश्न लिया जा सका
विरोध के बीच ही प्रश्नकाल चला। पूरे प्रश्नकाल के दौरान महज एक प्रश्न लिया जा सका, जहां पर विनोद सिंह ने सरकार से सवाल किया कि रेप और पॉक्सो में सजा की दर 25 फीसदी से कम है। उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि राज्य में 90 फीसदी थानों में एक भी महिला दारोगा नहीं है। ऐसे में क्या महिला दारोगा पद के लिए भी आरक्षण का प्रावधान होगा? इस सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि महिला दारोगा पद के लिए किसी तरह का आरक्षण का प्रावधान नहीं है। फिर भी थानों में महिला दारोगा के रिक्त पदों को भरने की कवायद की जरूर जाएगी।