विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से चार अगस्त तक ,मुख्यमंत्री के विभागों का ये सात मंत्री देंगे जवाब
रांची। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा सदन का कार्यकाल 28 जुलाई से चार अगस्त तक चलेगा। सदन संचालन के कार्यक्रम जारी हो चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री के पास जो विभाग हैं, उनसे संबंधित सवालों के जवाब देने के लिए मंत्रियों के नाम की घोषणा कर दी गयी है। इस बार के मानसून सत्र में बिना निर्वाचित हुए मंत्री बनी बेबी देवी भी शामिल होंगी। उनके हिस्से उत्पाद विभाग है। वहीं मानसून सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों पूरी तरह से तैयार है।
मुख्यमंत्री के विभागों से जुड़े सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी सात मंत्रियों को दी गई है। इस संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। जिन मंत्रियों को सीएम के विभागों के सवाल के जवाब देना है,
उनमें आलमगीर आलम (संसदीयकार्य मंत्री) गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग, कार्मिक विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग, संसदीय कार्य विभाग, विधि विभाग।
चंपई सोरेन (परिवहन मंत्री ) : वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग।
जोबा मांझी (महिला बाल विकास मंत्री) राजस्व निबंधन,एवं भूमि सुधार विभाग (निबंधन को छोड़कर), सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेस ।
बादल पत्रलेख (कृषि मंत्री ) : खान एवं भूतत्व, पथ निर्माण, भवन निर्माण विभाग।
मिथिलेश कुमार ठाकुर (पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री): जल संसाधन विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग।
सत्यानंद भोक्ता (श्रम मंत्री) नगर विकास एवं आवास विभाग।
बन्ना गुप्ता (स्वास्थ्य मंत्री) : ऊर्जा विभाग।
पक्ष और विपक्ष दोनों की है तैयारी
मानसून सत्र को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों को अपनी तैयारियां हैं। वहीं विधानसभा की अपनी तैयारियां भी हैं। ससंदीय कार्यमंत्री ने सत्र आयोजन को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है। वहीं उन्होंने सदन के हालिया संचालन में विपक्ष की ओर से किए गए हंगामे को लेकर कहा कि आम जनता के लिए सदन के भीतर अनावश्यक हंगामा उचित नहीं।
वहीं मानसून सत्र में कम कार्यदिवस होने को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया और सरकार पर सवालों से बचने का आरोप लगाया। बीजेपी विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि सरकार ने इस बार मानसून को सत्र छोटा कर दिया है। यह राज्य के लिए अच्छा नहीं है।
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