10 वर्ष से कार्यरत कर्मी होंगे नियमित , हाइकोर्ट जल्द जारी करेगा गाइडलाइंस

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10 वर्ष से कार्यरत कर्मियों को नियमित करने के लिए हाई कोर्ट जारी करेगा दिशानिर्देश

राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा. एसएन पाठक की अदालत में मंगलवार को राज्य में 10 वर्ष से अधिक समय से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मियों को नियमित करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने कई बार आदेश पारित किया है। इसके बाद भी हाई कोर्ट में नए मामले पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब सभी मामलों की एक साथ सुनवाई कर राज्य सरकार को दिशानिर्देश जारी करने की जरूरत है। अदालत ने हाई कोर्ट में दाखिल सभी मामलों को एक साथ सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट में करीब 100 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की गई। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए चार बिंदु निर्धारित किए हैं। अदालत ने पूछा है कि क्या स्वीकृत पद नहीं होने पर कर्मियों को नियमित किया जा सकता है। उनकी नियुक्ति सक्षम प्राधिकार से हुई है या नहीं। क्या राज्य सरकार

तकनीकी आधार पर नियमितीकरण के दावे को नकार सकती है। उमा देवी के आदेश के आलोक में राज्य सरकार नियमितिकरण कर रही है या नहीं। मामले में विस्तृत सुनवाई 27 जुलाई को होगी।

  • सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करने का निर्देश

  • कहा- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के वाद नहीं हो रहा नियमितीकरण

मामले में वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, प्रशांत पल्लव, सौरव अरुण और अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा। बता दें कि इस संबंध में धारी उरांव सहित 100 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई हैं। यह राज्य के सभी विभागों से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि सभी कर्मी 10 साल से अधिक समय से काम कर रहे हैं। उमा देवी के बाद राज्य सरकार ने नियमित करने के लिए नीति भी बनाई है। उसका पालन नहीं किया जा रहा है।

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