राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने किया मंजूर,एक केंद्र पर प्रतिमाह खर्च होंगे 7,550 रु.
राज्य के शहरी क्षेत्रों में नगरपालिका तो ग्रामीण क्षेत्रों में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं कार्यरत हैं। ग्राम पंचायत के कार्यों के लिए हर पंचायत में पंचायत भवन भी बने हैं। पर पंचायत के कार्यों एवं अभिलेख को डिजिटल करने और आम जनता को पारदर्शी सूचना उपलब्ध कराने की उचित सुविधा ग्रामीणों क्षेत्रों में अबतज नहीं है। इतना ही नहीं, राज्य के नागरिकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ एवं विविध प्रमाण पत्रों के आवेदन एवं इसे जारी करने के लिए भी पंचायत भवन में आधारभूत संरचना एवं प्रशिक्षित मानव बल भी उपलब्ध नहीं है।
इसी को लेकर राज्य के 4345 ग्राम पंचायत भवनों में चरणबद्ध रूप से डिजिटलपंचायत योजना के अंतर्गत डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना करने का निर्णय सरकार ने ली है। इस प्रस्ताव को राज्य योजना प्राधिकृत समिति ने मंजूर कर लिया है। अब कैबिनेट में इसे भेजा जाना है।
राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 से ही राज्य को ग्राम पंचायतों में डिजिटल पंचायत योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव है। डिजिटल पंचायत केंद्र में सीएससी को सूचना तकनीक से लैस एक विश्वसनीय, वैध और सर्वव्यापी नेटवर्क के केन्द्रों के रूप में स्थापित की जाएगी।
जहाँ स्थानीय नागरिकों को सरकारी विभागों, व्यापारिक संस्थानों, बैंकिंग, बीमा तथा शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा सूचना तकनीक के माध्यम से प्रदत्त सुविधाओं का लाभ मिल पायेगा। सीएससी ई गवर्नेस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत गठित एक निकाय है, जिसका उद्देश्य सामान्य सुविधा केन्द्र योजना (सीएससी) का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग करना है।
इन सुविधाओं पर लगेंगे शुल्क
झारसेवा पोर्टल एवं डिजिसेवा पोर्टल द्वारा दी जाने वाली जी2 सी सर्विसेज के लिए लाभुक से विभाग द्वारा निर्धारित सेवा शुल्क ली जाएगी। किंतु सीएससी एसपीवी द्वारा ऑनलाइन सेवाओं के लिए सेवा शुल्क नहीं लिया जाएगा।
एक केंद्र पर 7,550 रु. प्रतिमाह खर्च होंगे
एक डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना एवं संचालन पर प्रतिमाह 7,550 रु. खर्च होंगे। इस तरह राज्य की सभी पंचायतों में डिजिटल पंचायत केंद्र की स्थापना करने पर लगभग 3.28 करोड़ रुपए खर्च प्रतिमाह होंगे। और साल में करीब 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर, मानव संसाधन, प्रशिक्षण का व्यय सीएससी ई-गवर्नेस सर्विसेस के द्वारा वहन किया जाएगा।
पंचायतों में ही सारी सुविधा
पंचायती राज्य के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि लोगों को अपनी ही पंचायत में ही कई सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी । जिससे उन्हें प्रखंड कार्यालय नहीं दौड़ना पड़ेगा।