पारा शिक्षकों के दस सदस्यी टीम से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की हुई वार्ता,एक सफ्ताह में मांगे पूरी ?

पारा शिक्षकों

Join Us On

पारा शिक्षकों के दस सदस्यी टीम से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की हुई वार्ता,एक सफ्ताह का समय

पारा शिक्षकों

पारा शिक्षकों का राज्य सरकार को अल्टीमेटम: एक सप्ताह में मुख्यमंत्री से नहीं हुई बात तो उग्र आंदोलन की होगी घोषणा

झारखंड के 60 हजार से अधिक पारा शिक्षकों ने शनिवार को एकता का परिचय दिया। और राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया है। सीएम आवास घेराव कार्यक्रम के अंतर्गत मोराहाबादी से सभी शिक्षक जुलूस की तरह सुबह 11 बजे निकले। जिसे मोरहाबादी टीओपी के पास ही रोक दिया गया। इसके बाद शिक्षकों ने उसी जगह पर सभा करना शुरू कर दिया। आंदोलन के इस स्वरूप को देखते हुए मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर विनय कुमार चौबे ने एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के शिष्टमंडल को वार्ता के लिए बुलाया।

सीएम के प्रधान सचिव से ये हुई वार्ता

मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय चौबे के साथ पारा शिक्षकों के 10 सदस्यीय टीम की सीएमओ में वार्ता हुआ। उन्हें मुख्यमंत्री से एक सप्ताह में मुलाकात कराने का आश्वासन मिला । और उपारा शिक्षकों की मांगों के बीच जो बाधाएं हैं उसे दूर करने का भी आश्वासन दिया।

विनय कुमार चौबे के द्वारा शिष्टमंडल को वेतनमान के मुद्दे पर अगले सप्ताह मुख्यमंत्री से बात कराने का आश्वासन दिया गया। वहीं उन्होंने अनुकंपा के प्रावधान को शिथिल करने, ईपीएफ लागू करने, सीटेट को जेटेट का लाभ देने, केस वापसी जल्द करने, आकलन परीक्षा 100 अंकों का करने आदि समस्याओं के जल्द निदान का भरोसा दी। इस दौरान शिष्टमंडल वेतनमान के मुद्दे पर अड़े रहे। यह वार्ता लगभग आधे से अधिक घण्टे तक चली।

मोर्चा ने कहा 30 जून तक करेंगे इंतजार

एकीकृत मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, दशरथ ठाकुर एवं प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू) ने कहा कि यदि 30 जून तक मुख्यमंत्री ने वेतनमान के मुद्दे पर पहल नहीं करती है तो 02 जुलाई को राज्य इकाई की बैठक कर उग्र आंदोलन यथा सत्ता पक्ष के विधायक, मंत्रियों का क्षेत्र में व्यापक विरोध करने आदि का निर्णय लेने को बाध्य हो जाएंगे।

पारा शिक्षकों की ये है प्रमुख मांगे

1. पूर्व की सरकार द्वारा आंदोलन के क्रम में रांची और राज्य के विभिन्न थानों में सहायक अध्यापक एवं परिजनों पर दर्ज मुकदमे को वापस लेन।

2.सहायक अध्यापकों का विभिन्न कारणों से पूर्व के वित्तीय वर्षो का बकाया मानदेय को भुगतान करे

3. 01 जनवरी 2023 से 4% मानदेय वृद्धि के लाभ का एरियर जल्द भुगतान करे

4.सहायक प्राचार्य नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने आदि मांगों की पर्ति अत्यावश्यक है

5. आकलन परीक्षा का आयोजन संघीय वार्ता में तय समझौते के मुताबिक तत्काल करे।

6.सेवानिवृत्त सहायक अध्यापकों को लाभ मिले

7.अनुकम्पा के वर्तमान प्रावधान को शिथिल करते हुए मृत सहायक अध्यापक के परिजनों को लाभ मिले

8. राज्य के सभी सहायक अध्यापकों को वेतनमान देने के साथ विभिन्न समस्याओं यथा ईपीएफ का लाभ दे।

9.सीटेट को भी जेटेट के समकक्ष मान्यता दे।

10. अप्रशिक्षित सहायक अध्यापकों को प्रशिक्षण पूर्ण करने हेतु एक अवसर प्रदान की जाए।

बड़ी खबर : झारखंड में होने वाली इस परीक्षा पर हाइकोर्ट ने लगाई रोक,परीक्षा नियंत्रक ने जारी की सूचना

x

Leave a Comment