सहायक आचार्य संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) नियमावली 2022 में कई संशोधन, अधिसूचना जारी
झारखण्ड सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय)
के द्वारा मंगलवार को अधिसूचना जारी की गई है।
जारी अधिसूचना के मुताबिक भारत का संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए झारखंड राज्यपाल एतद् द्वारा झारखंड राज्य स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (प्राथमिक शिक्षा निदेशालय) के अधीन प्रारंभिक विद्यालयों में सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त हेतु गठित “सहायक आचार्य संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) नियमावली 2022 में निम्नांकित संशोधन की गई है।
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
यह नियमावली झारखण्ड प्रारंभिक विद्यालय सहायक आचार्य संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं सेवा शर्त) (संशोधन) नियमावली, 2023 कही जाएगी।
(ख) इसका विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में होगा।
(ग) यह नियमावली अधिसूचना निर्गत होने की तिथि से प्रवृत्त होगी।
नियमावली के नियम-2 के परिभाषा खण्ड में उपखण्ड (ड)’ इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य से तात्पर्य है राज्य सरकार के प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत अहर्ताधारी सहायक आचार्य “को निम्नवत द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है
“इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य से तात्पर्य है राज्य सरकार के प्राथमिक
विद्यालय स्तर हेतु कार्यरत अर्हताधारी सहायक आचार्य नियमावली के नियम-2 के परिभाषा खण्ड में उपखण्ड ‘न’-“पिछड़ा वर्ग-1 एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग-2 ” से तात्पर्य है झारखण्ड सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (श्रेणी-1 एवं श्रेणी II) के रूप में निर्दिष्ट एवं अधिसूचित वर्ग समूह । ” को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जाता है “अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) एवं पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-2) से तात्पर्य है झारखण्ड सरकार द्वारा अन्य पिछडा वर्ग (श्रेणी-1 एवं श्रेणी-II) के रूप में निर्दिष्ट एवं अधिसूचित वर्ग समूह ” नियमावली के नियम-2 के परिभाषा खण्ड में उपखण्ड ‘प’-“आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग से तात्पर्य है झारखण्ड सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के रूप में निर्दिष्ट एवं अधिसूचित वर्ग समूह “को नीचा दिखाया जाता है
“आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों का वर्ग ” से तात्पर्य है झारखण्ड सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों का वर्ग के रूप में निर्दिष्ट एवं अधिसूचित वर्ग समूह।”
नियमावली के नियम-2 के परिभाषा खण्ड में उपखण्ड व’ के पश्चात् उपखण्ड ‘भ’ के रूप में “विशेष प्रशिक्षित सहायक आचार्य” की परिभाषा को निम्नवत् जोड़ा जाता है:- “विशेष प्रशिक्षित सहायक आचार्य” भारतीय पुनर्वास परिषद् द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से निर्धारित योग्यता के अनुसार विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण प्राप्त व्यक्ति, जो कि प्रारंभिक विद्यालय के दिव्यांग विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य करते हो।
नियमावली के अध्याय-2 के नियम-3 (घ) (2) में प्रावधान है :- स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के लिए नियम – 3 (च) (ii) (अ) में उल्लिखित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता तथा नियम 3 (च) (ii) (ब) में वर्णित शिक्षक अहर्ता जाँच परीक्षा में उत्तीर्ण स्नातक स्तर पर अध्ययन का विषय निम्नवत् हो
(1) गणित एवं विज्ञान शिक्षक निम्नलिखित विषयों में स्नातक (विज्ञान) या विज्ञान स्नातक (प्रतिष्ठा) ।
(क.) गणित, (ख) भौतिकी, (ग) रसायनशास्त्र, (घ) वनस्पति विज्ञान (च) प्राणी विज्ञान ।
(ii) सामाजिक विज्ञान शिक्षक- निम्नलिखित विषयों में स्नातक या स्नातक (प्रतिष्ठा)।
(क.) इतिहास, (ख.) भूगोल (ग) राजनीति शास्त्र (घ) अर्थशास्त्र (च.) समाजशास्त्र (छ) लेख शास्त्र (ज.) व्यापार विश्लेषण (बिजनेस स्टडीज) |
(iii) भाषा शिक्षक : अंग्रेजी एवं हिन्दी के अतिरिक्त कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के अधिसूचना संख्या-453, दिनांक 18.02.2022 से अधिसूचित जिलावार भाषा में से किसी एक विषय में स्नातक या स्नातक (प्रतिष्ठा) विषय के रूप में कोई एक विषय के साथ स्नातक उत्तीर्ण। इस संबंध में कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के द्वारा भविष्य में किये गये संशोधन स्वतः इस नियमावली के अंग होंगे।