हाइकोर्ट ने एक ही मामले में एक को दी जमानत और दूसरे को जमानत से किया इनकार,सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान
याचिका कर्ता सुजीत कुमार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दायर की थी । जिसमें कहा गया था कि एक ही एफआईआर में झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सह अभियुक्त को जमानत दी है,वहीं उनकी जमानत की याचिका खारिज कर दी गयी है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने एक ही मामले के अभियुक्तों को जमानत देने में झारखंड हाईकोर्ट के अलग-अलग आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जतायी है। और झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस आदेश की कॉपी भेजने को कहा है।
रजिस्ट्रार जेनरल को इसे झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के पास पेश करने को भी कहा गया है, ताकि वह इस पर उचित निर्देश जारी कर सके। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अदालत ने इस मामले में प्रार्थी को झारखंड के स्टैंडिंग कौंसिल को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाने और चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह कहा है कि झारखंड हाईकोर्ट से इस तरह का दूसरा मामला, उसके समक्ष पेश हुई है। जिसमें एक अभियुक्त को जमानत दी गयी है और इसी प्राथमिकी के दूसरे आरोपी को जमानत देने से इनकार किया गया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एक ही मामले में परस्पर विरोधी आदेश दिया जाना बिल्कुल उचित नहीं है। अदालत ने कहा कि एक ही मामले की सुनवाई एक ही बेंच में किया जाना उचित है।
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