हिंदी विद्यापीठ दे‌वघर से कोर्स करने वाले के सर्टिफिकेट पर हाइकोर्ट का आया बड़ा फैसला, अब

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हिंदी विद्यापीठ दे‌वघर से कोर्स करने वाले के सर्टिफिकेट पर हाइकोर्ट का आया बड़ा फैसला, अब

हिंदी विद्यापीठ दे‌वघर से कोर्स करने वाले के सर्टिफिकेट पर हाइकोर्ट का आया बड़ा फैसला, अब

हिंदी विद्यापीठ दे‌वघर से कोर्स करने वाले के सर्टिफिकेट की मान्यता पर हाइकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। यह फैसला देवघर की सरोजनी हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद आई है।




याचिका में प्राथी ने कहा था कि स्वास्थ्य विभाग में अनुकंपा के आधार पर अनुसेवक के पद पर नियुक्त हुई है। पर बिना किसी नोटिस के यह कहते हुए सेवा समाप्त कर दी गई की उनका मैट्रिक का सर्टिफिकेट देवघर विद्यापीठ से जारी हुआ है, जो की अब मान्य नहीं है। हिंदी विद्यापीठ से प्रार्थी का सर्टिफिकेट 23 जनवरी 2014 को जारी हुआ था।




सरोजनी हांसदा की याचिका के मामले में सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि हिंदी विद्यापीठ दे‌वघर से 26 फरवरी 2015 तक जारी सभी प्रमाणपत्र मान्य होंगे।




वहीं अदालत ने झारखंड सरकार के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें 26 जून 2014 से पहले जारी मैट्रिक एवं अन्य प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया गया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में यह स्पष्ट आदेश दिया है कि विद्यापीठ से 26 फरवरी 2015 तक जारी प्रमाणपत्र वैध माना जाएगा।




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