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युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने प्रमोद , सेल्फ स्टडी कर जेएसएससी में पाई सफलता

युवाओं के लिए प्रेरणा बने प्रमोद , सेल्फ स्टडी कर जेएसएससी में पाई सफलता

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युवाओं के लिए प्रेरणा बने प्रमोद , सेल्फ स्टडी कर जेएसएससी में पाई सफलता

युवाओं के लिए प्रेरणा बने प्रमोद , सेल्फ स्टडी कर जेएसएससी में पाई सफलता





Hazaribagh / चौपारण : सफलता अमीरी और गरीबी नहीं देखती है बल्कि सफलता सिर्फ और सिर्फ मेहनत ही देखती है। इच्छाशक्ति के मजबूती के साथ सही दिशा में मेहनत करने वालों को एक न एक दिन सफलता मिल ही जाता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया दादपुर का प्रमोद




बतादें कि झारखंड कोषागार लिपिक 2017 का रिजल्ट सोमवार को जारी हुआ है। जिसमें चौपारण प्रखण्ड भी परचम लहराया है। प्रखण्ड के दादपुर के रहने वाले प्रमोद कुमार दांगी पिता स्वर्गीय सुरज महतो का भी चयन झारखंड सरकार के कोषागार लिपिक के पद पर हो गया है। इनका चयन जेनरल कैटेगिरी में हुआ है। बतादें कि इससे पहले भी दादपुर गांव के कई छात्रों ने सफलता का परचम लहरा चुके हैं । इससे पहले प्रियंका कुमारी पिता खूबलाल साव का चयन नगर आयुक्त के पद पर हुआ है।




कोषागार लिपिक पद पर चयनित प्रमोद कुमार ने अपने सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने बताया कि यदि धैर्य पूर्वक रहकर अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण भाव से कठिन परिश्रम किया जाए। तो सफलता एक न एक दिन अवश्य मिलती है। आज उसी का परिणाम है।

सरकारी स्कूल से शुरू हुई प्रारंभिक शिक्षा

उन्होंने बताया कि मेरी प्रारंभिक शिक्षा मध्य विद्यालय सिंहपुर से हुई। मैट्रिक बोर्ड परीक्षा केबीएसएस चौपारण से 2001 ई हुई। वहीं 2003 में इंटर कला और 2006 में B.A. इतिहास विषय से किया। जिसके बाद गांव में ही रहकर 2010 में B Ed. और 2014 में M.A. की शिक्षा ग्रहण की।




ट्यूशन पढा व सेल्फ स्टडी कर पाई सफलता

उन्होंने कहा कि पैसे के अभाव के कारण गांव में ही रहकर कुछ बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे। और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर सेल्फ स्टडी करने लगें। सेल्फ स्टडी का परिणाम रहा कि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा JTET, केंद्रीय शिक्षक पात्रता CTET, और बिहार शिक्षक पात्रता BTET की भी परीक्षाएं पास कर चुके हैं। और आज सेल्फ स्टडी के बदौलत ही हमने झारखंड कोषागार के लिपिक पद में भी सफलता पाई।




शादी के बाद भी हिम्मत नहीं हारे प्रयास रखा जारी

उन्होंने कहा कि शादी 2009 में हो जाने के बाद भी वे हिम्मत नहीं हारे और प्रयास को जारी रखा। थोड़ा और खर्च बढ़ने लगा तो एक निजी स्कूल में भी बतौर शिक्षक कार्य करने लगे। ये सब करते हुए भी अपने पढ़ाई को कभी रुकने नहीं दिया। अंततः वे सफल हुए। बतादे कि वर्तमान में प्रमोद कुमार दांगी मॉडर्न पब्लिक स्कूल दादपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत है।




ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए बने प्रेरणा स्रोत

प्रमोद के सफलता से गांव के लोग भी काफी खुश हैं। मुखीया गंदौरी दांगी , पूर्व मुखिया अरबिंद सिन्हा , महेश्वरी मेहता, बड़े भाई बैजनाथ दांगी, धीरेंद्र सिन्हा , शेखर सिन्हा, अमित सिन्हा , चन्दन कुमार , राजेश मेहता सहित कई लोगों ने इनके सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि प्रमोद की सफलता से गांव ही नहीं बल्कि आसपास के युवाओं में नई ऊर्जा का संचार होगा। और उन्हें भी इनकी सफलता से काफी प्रेरणा मिलेगी ।




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