UPSC :- घर के काम-काज के साथ शुरू की UPSC की तैयारी सप्ताह में 2 दिन करती थी पढाई माँ ने कहा था कभी हार नही मानना बनी IAS

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UPSC : घर के काम-काज के साथ शुरू की UPSC की तैयारी सप्ताह में 2 दिन करती थी पढाई माँ ने कहा था कभी हार नही मानना बनी IAS

 

UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों से निर्वाचित अधिकारियों को तैयार करना होता है जो सरकार के विभिन्न विभागों में काम करते हैं। इस परीक्षा की तैयारी बहुत मेहनत और धैर्य की मांग करती है, लेकिन सफलता प्राप्त करने के बाद बहुत आनंद मिलता है।




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अधिकतम संख्या में प्रथम बार उत्तीर्ण हुए है और यूपीएससी परीक्षा में टॉप किये है। यह बेहद प्रशंसनीय है कि इस तरह के सफलता के लिए समर्पण और मेहनत जरूरी होती है। 

यूपीएससी जैसी परीक्षा को पास करने के लिए काफी त्याग, मेहनत और परिश्रम की जरूरत होती है। हालांकि, इसके साथ ही यह भी सच है कि इसमें सफलता पाने के लिए दिन-रात मेहनत करने की जगह उत्तम तरीके से अपने समय का उपयोग करने भी जरूरी होता है।




इस लड़की की कहानी जिसमें वह सप्ताह में मात्र दो दिन पढ़ाई करती थी और फिर भी यूपीएससी की परीक्षा को पास करती हुई आगे बढ़ी, वह काफी प्रेरणादायक है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि अगर हम एक उत्तरदायी तरीके से अपना समय नियंत्रित कर सकते हैं तो हम किसी भी मुश्किल चुनौती का सामना कर सकते हैं।

इसके अलावा, उस लड़की ने शायद अपनी पढ़ाई के लिए एक योजना बनाई होगी जो उसे उत्तरदायी रूप से समय के नियंत्रण में रखती थी। इस योजना के माध्यम से उसने अपने समय का उपयोग सही ढंग से किया और इस तरह से वह अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रही।




देवयानी सिंह जैसे लोगों की कहानी देश के हर कोने में होती है। इन्होंने जैसे ही यूपीएससी का फॉर्म भरा वो इसकी तैयारी में लग गई। उनकी योग्यता और इच्छाशक्ति ने उन्हें यूपीएससी पास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी तैयारी को बढ़ाने के लिए बहुत सारे उपाय किए जैसे ऑनलाइन मैटीरियल देखा, मॉक टेस्ट दिए और सही गाइडेंस से जुड़े रहे। इन सबके साथ-साथ वो नियमित रूप से सप्ताह में दो दिन पढ़ती थी। ये बहुत खूबसूरत उदाहरण है कि अगर किसी के पास विश्वास हो और जबरदस्त इच्छाशक्ति हो तो वो हर मुश्किल से लड़ सकते है और अपने सपने पूरे कर सकते है।




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देवयानी सिंह की ये कहानी हमें ये दिखाती है कि सफलता का सफर कभी भी आसान नहीं होता है, लेकिन अगर हमारे जीवन में उत्साह और निरंतर प्रयास होता है तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता है. देवयानी सिंह ने अपनी मेहनत और लगन से अपने सपने को पूरा करने का संघर्ष नहीं छोड़ा, जो उन्हें आईएएस बनने की मंजिल तक पहुँचाया. ये कहानी हमें संकटों से सामना करने की कला और जीवन में लगातार प्रयास के महत्व को समझाती है.।





 

 

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