JPSC व JSSC की परीक्षाओं मेंअभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के मामले की सुनवाई करेगा हाइकोर्ट

Join Us On

JPSC व JSSC की परीक्षाओं मेंअभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के मामले की सुनवाई करेगा हाइकोर्ट

JPSC व JSSC




जस्टिस एस चंद्रशेखर एवं जस्टिस रत्नाकर ढींगरा की खंडपीठ ने मामले को वृहद पीठ में रेफर कर दिया है खंडपीठ ने डॉक्टर अतुल इन अवर एवं अन्य सभी की ओर से दायर सभी अपीलो और याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग जेएसएससी से संबंधित सभी प्रतियोगिता परीक्षा में अभ्यर्थियों के लिए जाति प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग निकल के सामने आई है

झारखंड हाईकोर्ट की वृहद पीठ द्वारा यह सुनवाई होगी जस्टिस चंद्रशेखर एवं जस्टिस रत्नाकर बेंगरे की खंडपीठ यीशु की जांच करेंगे इस मामले को वृहद पीठ में रेफर कर दिया गया है खंडपीठ ने डॉक्टर नोतून इंदौर एवं अन्य की ओर से सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है 




 

इस मामले की सुनवाई होने के दौरान प्रार्थी ओ की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन अधिवक्ता श्रेष्ठ गौतम तथा अधिवक्ता अमृत शांत वत्स ने पैरवी की है और वहीं दूसरी ओर से जेएसएससी जेपीएससी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील कुमार अधिवक्ता संजय पेपर वालों और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा था




 

क्या बात है

JPSC व JSSC के यह मामला इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, डेंटिस्ट, वायरलेस इंस्पेक्टर और रेडियो इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा से जुड़ा है. 

याचिकाकर्ताओं ने अपनी अपील याचिकाओं में कहा है कि जेपीएससी और जेएसएससी के विज्ञापनों में उनके जाति प्रमाण पत्र पर विचार नहीं किया गया था। 

 

उन्हें सामान्य वर्ग में मेडल दिए गए। यदि उनके जाति प्रमाण पत्र को उस श्रेणी में माना जाता है जो वे संबंधित हैं, उनका चयन किया गया होगा क्योंकि उन्हें अधिक अंक प्राप्त हुए थे।

JPSC व JSSC के हाईकोर्ट ने तीन मुद्दे उठाए:

पहला मुद्दा


हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विज्ञापन में जिस शर्त के तहत जाति प्रमाण पत्र एक निर्धारित तिथि के भीतर और  जमा करने की आवश्यकता है, 

 

दूसरा मुद्दा यह है कि अगर कोई उम्मीदवार आवेदन की अंतिम तिथि के बाद अपना जाति प्रमाण पत्र जमा करता है, तो उसे आरक्षित वर्ग से सामान्य वर्ग में स्थानांतरित कर दिया जाता है। 

 

तीसरा मुद्दा यह है कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस राम कुमार झा का 2016 का फैसला सभी मामलों पर लागू होगा .

 

Read Also :-

x

Leave a Comment