झारखंड में स्‍कूली बच्चों को नहीं मिले ड्रेस और स्कूल किट के पैसे, हेमंत सरकार ने तलब की रिपोर्ट,

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झारखंड में स्‍कूली बच्चों को नहीं मिले ड्रेस और स्कूल किट के पैसे, हेमंत सरकार ने तलब की रिपोर्ट, स्कूल के बैंक बैलेंस हो गये हैं जीरो

झारखंड में स्‍कूली बच्चों को नहीं मिले ड्रेस

झारखंड में :- झारखंड सरकार प्रारंभिक स्कूल में पढ़ रहे हैं बच्चों को पोशाक के राशि बांटने के लिए  4000000 स्कूली बच्चों का चयन किया गया था परंतु यह राशि अभी तक उन स्कूली बच्चों में नहीं पटी

 


झारखंड सरकार हेमंत सोरेन ने प्रारंभिक स्कूल के छात्र-छात्राओं को स्कूल के टेम पोशाक के लिए राशि दी थी लेकिन अभी तक बच्चों को ना तो किसी भी तरह का स्कूल कीट मिला और ना ही किसी भी तरह का कोई पोशाक मिला और स्कूल के बैंक  खाते में भी जीरो बैलेंस हो गए हैं । 

 

इस वजह से राशि का भुगतान नहीं हो पाया शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से वैसे छात्र-छात्राओं का रिपोर्ट लिया है जिन्हें अभी तक पोशाक और स्कूल केट की राशि नहीं मिली है

 


झारखंड सरकार ने इससे पहले ही प्रारंभिक स्कूल के नामांकित छात्र छात्राओं के बीच 4000000 बच्चों को पोशाक की राशि बांटने के लिए जारी की थी लेकिन बाद में यह राशि बच्चों के बीच नहीं पार्टी जा सके

 

और इस राशि को नहीं बांटने की वजह है स्कूल में सिंगल बैंक खातों का बैलेंस जीरो हो गया है जिस वजह से स्कूली छात्र छात्राओं को पोशाक हो एवं स्कूल के नहीं दिए जा रहे हैं

 

झारखंड में स्‍कूली बच्चों को नहीं मिले ड्रेस आवंटित राशि खर्च नहीं हुआ 

आपको बता दें कि पहली और दूसरी कक्षा के सभी विद्यार्थियों को राशि विद्यालय प्रबंधन उपलब्ध करवाती है साथ ही वह सभी छात्र-छात्राएं जिनका बैंक अकाउंट नहीं खुला है और जो आधार कार्ड से लिंक नहीं है उनकी राशि का भी भुगतान स्कूल के माध्यम से किया जाता है

 

झारखंड में जिन छात्र-छात्राओं का बैंक अकाउंट नहीं है उनके आधार कार्ड सेवा लिंक है उन्हें डीबीटी के माध्यम से राज्य मुख्यालय से रांची भेजी जाती है शिक्षा विभाग ने फरवरी में ही राशि भेज देती और बच्चों के खाते में पैसे भेजने की प्रक्रिया भी शुरू की गई थी लेकिन मार्च के अंत तक आते-आते यह राशि सिलेंडर कर दी गई और बच्चों तक अभी तक यह राशि नहीं पहुंची है

 

पैसे नहीं होने के कारण प्रभावित हो रहा है स्कूल का काम

जीरो बैलेंस होने के वजह से स्कूल का निर्माण कार्य से लेकर के छोटे बड़े सभी कारें जिसमें राशि की आवश्यकता होती है वह नहीं मिल पा रही है ऐसे कार्य को शिक्षक खुद के पैसों से पूरा कर रहे हैं बता दें कि राज्य के पहली से पांचवी कक्षा तक के सभी बच्चों को पोषण के लिए ₹600 और छठी से आठवीं के बच्चों को ₹700 दिए जाते हैं इसमें जूता मोजा और स्वेटर खरीदना पड़ता है इसके अलावा स्कूल टेट की राशि अलग से सभी कक्षा के हिसाब से दी जाती है इसमें से 185 पैसे लेकर के ₹315 तक दिए जाते हैं जिसमें कॉपी पेन पेंसिल रबर कटर इंस्ट्रूमेंट बॉक्स  इत्यादि खरीदना पड़ता है ।




 

सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू होगा मूल्यांकन

राज्य सरकार तीसरी से लेकर के आठवीं कक्षा तक के छात्र छात्राओं को सितंबर से पहले सप्ताह तक मूल्यांकन करेगी इसके लिए बच्चों को कॉपी दिया जाएगा जिसमें वह घर से उत्तर लिखकर लाएंगे साथ ही प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी शिक्षक छात्र और छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को उपलब्ध कराएंगे इसमें खर्च होने वाली सभी राशि विद्यालय के विकास को ध्यान में रखते हुए खर्च किया जाएगा

 

लेकिन किसी भी स्कूल के विकास कोर्ट में पर्याप्त राशि नहीं है सरकार ने राशि सरेंडर कर आने के बाद इसका भुगतान नहीं किया है और अभी किसी भी प्रकार की राशि का लेनदेन विभाग की ओर से जारी नहीं किया है।

 


ऐसे भी बहुत सारे जिलों के कुछ स्कूल हैं जिनमें भुगतान की राशि सिलेंडर नहीं किया गया है और उन सभी स्कूलों को राशि सिलेंडर करने का निर्देश जारी कर दिया गया है ।

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