नई नियोजन नीति सरकार के लिए बनी नई मुसीबत, संकट में हेमन्त , मिलेगी सरकारी नौकरी ?

नई नियोजन नीति सरकार के लिए बनी नई मुसीबत, संकट में हेमन्त , मिलेगी सरकारी नौकरी ?

Join Us On




नई नियोजन नीति सरकार के लिए बनी नई मुसीबत, संकट में हेमन्त , मिलेगी सरकारी नौकरी ?

नई नियोजन नीति सरकार के लिए बनी नई मुसीबत, संकट में हेमन्त , मिलेगी सरकारी नौकरी ?




नई नियोजन नीति को हाल में झारखंड सरकार के कैबिनेट की मंजूरी मिली है। जिसमें 40 प्रतिशत सीट को ओपेन कर दिया गया है। साथ ही झारखंड के क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति की जानकारी की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है। ऐसे में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यो के छात्रों को झारखंड में नौकरी का मौका मिलेगा और वे कहीं न कहीं स्थानीय लोगों का ही हक को छीनेंगे।




इसी कारण से अब नई नियोजन नीति पर पुरजोर विरोध शुरू हो गया है। जो हेमन्त सरकार के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है। जिसका असर आने वाला 2024 चुनाव पर भी पड़ सकता है।

विरोध में कल चलेगा ट्विटर कैम्पन

60-40 nay chalto झारखंड के युवा बेरोजगार अभ्यर्थी अब हेमन्त सरकार की नई नियोजन नीति के विरोध में पूरी तरह से कमर कस ली है। ऐसी सूचना छात्र संगठन के नेता के द्वारा मिल रही है।




60–40 नाय चलतो के विरोध को लेकर के झारखंड के छात्र संगठन साथ ही साथ शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर शिक्षक और अन्य लोग भी समर्थन में है। कल यानी 10 मार्च को युवाओं ने #60_40 _नाय _चलतो को लेकर ट्विटर कैम्पेन की सारी तैयारी पूरी कर चुके हैं।

मिल रही सूचना के मुताबिक 13 मार्च को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन विधानसभा के बजट सत्र में नियोजन नीति को लेकर अपना वक्तब्य रखने वाले हैं। इसी उद्देश्य से छात्रों द्वारा कल ट्विटर कैम्पेन के माध्यम से विरोध दर्ज किया जाएगा।




15 मार्च तक सरकार छात्रों के मांगो के अनुसार नियोजन नीति लागू नहीं करती है तो छात्र संघठन और शिक्षण संस्थान विधानसभा का भी घेराव कर सकती है।

क्या कहना है युवाओं का

नई नियोजन नीति का विरोध कर रहे युवाओं का कहना है कि पहले झारखंड राज्य के युवाओं का भविष्य व नौकरी सुरक्षित करने के लिए नियोजन नीति में कुछ शर्तें जोड़ी गई थी जिसे अब हटा दिया गया है। युवाओं का कहना है कि ऐसी नियोजन नीति नहीं चाहिए जिसमें झारखंड के युवाओं को नौकरी में संरक्षण नहीं मिलता हो।




दिसंबर में रद्द हो गई थी नियोजन नीति

बतादें कि 16 दिसंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार द्वारा फरवरी 2020 में लाई गई नियोजन नीति को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह संविधानसम्मत नहीं है।हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह कहा था कि तृतीय और चतुर्थवर्गीय नौकरियों में झारखंड से ही 10वीं और 12वीं पास अभ्यर्थियों को पात्र बनाना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का खुला तौर पर उल्लंघन है। तब नियोजन नीति रद्द होने से 13,000 से भी ज्यादा नियुक्तियां रद्द कर दी गई थी।




तब हेमन्त वसरकार ने फैसला किया कि 2016 के पहले वाली नियोजन नीति ही लाया जाएगा। नई नियोजन नीति में सरकारी नौकरियों में 40 फीसदी सीटों को ओपन फॉर ऑल कर दिया गया है। वहीं, 60 फीसदी नौकरियां राज्यवासियों के लिए आरक्षित की गई है। पर युवाओं का कहना है कि यह 60:40 वाली नीति नहीं चलेगी।

 

नियोजन नीति लागू करने के पहले मुख्यमंत्री ने ली थी राय




हेमन्त सरकार ने नई नियोजन नीति के संबंध में 10 लाख से भी ज्यादा युवाओं की राय ली गई थी। जिसमें 73 फीसदी युवाओं ने एकमत से कहा कि 2016 से पहले वाली नियोजन नीति को ही ठीक कहा । यह बातें सीएम ने कही। पर अब विरोध कर रहे युवाओं का कहना है कि ऐसे में बड़ी संख्या में बाहरी छात्र नौकरियां झारखंड से ले लेंगे।




बड़ी खबर  : झारखंड के इन मिडिल स्कूलों में क्लर्क और आदेशपाल का प्रतियोजन

Home




x

Leave a Comment