आज खेली जाएगी होली : रंग लगाते समय दूसरों का भी रखें पुरा ख्याल,बरते ये सावधानीयां

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आज खेली जाएगी होली : रंग लगाते समय दूसरों का भी रखें पुरा ख्याल,बरते ये सावधानीयां

आज खेली जाएगी होली : रंग लगाते समय दूसरों का भी रखें पुरा ख्याल,बरते ये सावधानीयां

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आज होली खेली जाएगी। होलिका दहन की पंरपरा के बाद अब रंगों की होली कल यानि 8 मार्च 2023 को खेला जाएगा। होली का पर्व प्रेम और सौहार्द का पर्व ह। इस दिन बुरी आदतों से दूर रहना चाही।

इस दिन रंगों की होली खेलते समय दूसरों का पूरा ध्यान भी रखें। जल की बर्बादी न करें एवं प्रकृति को हानि न पहुंचाएं। इस दिन सुबह उठकर सर्वप्रथम माता-पिता का आशीर्वाद लेना चाहिय पितरों का भी आभार व्यक्त करना चाहिए। अपने इष्टदेव को याद करते हुए हर प्रकार की बुराई को त्यागने का भी प्रण लेना चाहिए।




रंगों के त्योहार होली की मस्ती कभी-कभी कई स्वास्थ्य से संबंधित समस्या उत्पन्न कर देता है। रंगों में मौजूद केमिकल कई गंभीर समस्या भी पैदा कर सकता है। खासकर होली के सस्ते रंगों में कांच के टुकड़े, अभ्रक एवं एसिड जैसे हानिकारक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य पर हानिकारक गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।




इसके अलावा होली के रंग त्वचा संबंधी एलर्जी जैसे डर्मेटाइटिस व एक्जिमा का कारण भी बन जाते हैं, जो लंबे समय तक रहता है।

रंगों के कारण हो सकते हैं कई तरह के नुकसान

रिम्स के स्किन विभाग के एचओडी डा. प्रभात कुमार कहते हैं कि जहां तक संभव हो गीली होली से दूरी बनाना चाहिए। इसमें सबसे अधिक नुकसान अगर करता है, तो वह है हरा रंग । किसी भी रंग को शरीर से छुड़ाने के लिए रगड़ना नहीं चाहिए, इससे एलर्जी हो सकती है।</h4




वहीं रिम्स के नेत्र विभाग के एचओडी डाॅ. राजीव गुप्ता ने कहा कि गीला या सूखा दोनों ही तरह के रंग आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि होली में बच्चों पर खास ध्यान देनी की आवश्यकता है। हमेशा अभिभावक के सामने ही बच्चों को होली खेलने देना सुरक्षित रहेगा ।

स्किन एलर्जी का भी बढ़ जाता है खतरा




होली के लिए इस्तेमाल होने वाले रंगों में आमतौर पर लेड आक्साइड, एल्युमिनियम ब्रोमाइड, मरकरी सल्फेट एवं काॅपर सल्फेट जैसे केमिकल पाए जाते हैं। ऐसे में शरीर पर इन रंगों के लगने से काफी नुकसान होता है।

अस्थमा के मरीज गुलाल से रहे दूर

गुलाल से अस्थमा के मरीजों को भी दूर रहना चाहिए। इससे अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ सकता है। पल्मोलाॅजिस्ट डाॅॅ. निशिथ कुमार कहते हैं कि जिन्हें फेफड़े से संबंधित बीमारी है उन्हें ठंडे पानी से भी बचकर रहना चाहिए। अधिक देर तक गीली होली नहीं खेलना चाहिए। गुलाल से अस्थमा अटैक के साथ-साथ एलर्जी का भी खतरा बढ़ जाता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को मीठा का सेवन नहीं करे ।




रंगों से अन्य ये भी हो सकते हैं नुकसान

रंगों से बालों को भी नुकसान हो सकता है। इन रंगों के दुष्प्रभाव से बाल झड़ने, डैंड्रफ एवं एलर्जी के साथ सर में भी जलन हो सकता है।

कान में रंग जाने से कान का भी दर्द हो सकता है। सूखा रंग दमा एवं खांसी की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।




रंग मुंह व पेट में चला जाए तो शरीर के अंदरूनी भागों पर भी इसका असर पड़ सकता है । लेड आक्साइड से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।

आज खेली जाएगी होली

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