तमिलनाडु में बिहारियों का फर्जी वीडियो वायरल मामले में मनीष कश्यप समेत चार पर FIR , एक गिरफ्तार
तमिलनाडु में बिहारियों के साथ मारपीट संबंधी फर्जी वीडियो को वायरल कर भय का माहौल पैदा करने वालों के खिलाफ बिहार में भी बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सोमवार को चार लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज किया गया है। जिसमें दो यूट्यूबर, एक ट्विटर यूजर भी शामिल है।
इस मामले में एडीजी पुलिस मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहा कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में बिहार के जमुई के लक्ष्मीपुर दिग्घी निवासी मनोज रविदास के पुत्र अमन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। वहीं सच तक न्यूज के मनीष कश्यप ,प्रयास न्यूज के राकेश तिवारी,
एवं ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी
उन्होंने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। कहा कि जाँच के क्रम में पता चला कि इनके द्वारा सुनियोजित तरीके से भ्रामक, अफवाहजनक और भड़काने वाले फोटो, वीडियो, टेक्स्ट मैसेज इत्यादि डालकर जनता बीच भय का माहौल पैदा किया गया। इससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की आशंका बढ़ी है।
तीस वीडियो एवं पोस्ट चिह्नित
एडीजी ने कहा कि भ्रामक और भड़काने वाले कुल 30 वीडियो एवं सोशल मीडिया पोस्ट को चिन्हित किये गये हैं। रविवार को आर्थिक अपराध इकाई थाना काण्ड संख्या 03/2023 दर्ज की गई है। आरोपितों के विरूद्ध आईपीसी की धारा 153, 153 (ए),153 (बी), 505 (1) (बी), 505 (1) (सी), 468/471 /120 (बी) और आईटी एक्ट की धारा 67 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज की गई है। डीएसपी स्तर के पदाधिकारी को अनुसंधान की जिम्मेवारी मिली है।
42 को प्रीजर्वेशन नोटिस
आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा फेसबुक पर 09, ट्विटर पर 15 और यूट्यूब पर 15 तथा जीमेल पर तीन भ्रामक पोस्ट किए जाने से संबंधित प्रीजर्वेशन नोटिस जारी की गई है। ऐसा इसलिए ताकि सम्बन्धित लिंक एवं विवादित रिपोर्ट का पूरा साक्ष्य सुरक्षित किया जा सके। अनुसंधान के क्रम में विधिवत कार्रवाई हो सके।
भ्रामक वीडियो से बचने की अपील
पुलिस मुख्यालय के द्वारा किसी भी भ्रामक, असत्य वीडियो या सोशल मीडिया पर पोस्ट से बचने की सलाह दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि बिना जांचे परखे ऐसे वीडियो या पोस्ट को फारवर्ड न करें। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
एक वीडियो आत्महत्या से संबंधित
एडीजी ने कहा कि जाँच एवं अनुसंधान के क्रम में पाया गया कि प्रसारित एक वीडियो में किसी की हत्या कर लटका दिये जाने वाला है। जांच के क्रम में यह आत्महत्या से संबंधित पुरानी घटना का है, जिसका बिहार के निवासी से दूर दूर तक संबंध नहीं है। दूसरा वीडियो भी पुरानी घटना का ही है। जो झारखंड और बिहार के मजदूरों के बीच व्यक्तिगत विवाद से जुड़ा है।
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