हजारीबाग की बड़ी खबर : दस दिन पहले मरा ब्यक्ति अपने 12 वीं के श्राद्ध में हो गया जिंदा , लौटा घर

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हजारीबाग की बड़ी खबर : दस दिन पहले मरा ब्यक्ति अपने 12 वीं के श्राद्ध में हो गया जिंदा , लौटा घर






हजारीबाग की बड़ी खबर : 11 दिन पहले मरा ब्यक्ति अपने 12 वीं के श्राद्ध में हो गया जिंदा , लौटा घर

 

हजारीबाग की बड़ी खबर : चरही : परेज के जंगलों में विगत 11 दिन पहले फंदे से लटका हुआ पेड़ पर एक व्यक्ति का विकृत शव पाया गया था। घटना कि जानकारी मिलते ही घाटो थाना ने लाश को अपने कब्जे में कर पहचान के लिए थाना ले गई।




जिसकी पहचान घाटो थाने में जाकर परिजनों ने चरही के श्यामपट्टी निवासी बद्री करमाली के रूप में की। पोस्टमार्टम के बाद लाश को परिजनों को सौंप दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने विधिवत अंतिम संस्कार कर दी।

आज शुक्रवार को बद्री करमाली का बारहवां मना रहे थे और इसी दौरान बद्री करमाली अपने घर पहुंचे। घर पहुंचते ही उसकी पत्नी और बेटा व बेटी निहारते रह गए। लोगों को अपनी आंखो पर विश्वास नहीं हो रहा था। बद्री करमाली के श्राद्ध कार्यक्रम में जुटे लोग हैरान थे।




आखिर जिस बद्री करमाली का श्राद्ध कार्य किया जा रहा है वह जिंदा कैसे हैं। लोगों के बीच यह सवाल उलझन पैदा कर रही थी। बदरी के पत्नी सावित्री देवी, बेटा गुड्डू करमाली और बेटी ने अपने पिता को कुर्सी बैठाकर पानी दिया।

जानें इतने दिनों तक कहां थे बद्री करमाली




इसके बाद इतने दिन तक कहां थे यह पूछताछ कर रहे थे। श्राद्ध में जुटे लोग और सगे संबंधियों ने भी बद्री करमाली से पूछा कि उतने दिनों तक आप कहां थे। बदरी करमाली ने बताया कि आज वह सबसे पहले अपने बेटी के ससुराल उरीमारी गए।

वहां उसके समधी ने बदरी करमाली को देखकर डर गए और बोलने लगे कि आप तो मर गए हैं। आज आपका श्राद्ध कार्यक्रम है। उसके लिए आपकी बेटी मायके चरही गई है। इसके बाद बद्री करमाली ने समधी व समधन को बताया कि वह भुरकुंडा में काम कर रहे थे। लेकिन यहां आकर मुझे यह खबर मिल रहा है कि आज मेरा श्राद्ध किया जा रहा है। तब मैंने निश्चय किया कि सबसे पहले अपने घर चरही जाऊंगा।




यहां पहुंचने के बाद पता चल रहा है कि मेरा श्राद्ध कार्यक्रम किया जा रहा है। तब मैंने सबको बताया कि मैं अभी जिंदा हूं आप किसका श्राद्ध कार्यक्रम कर रहे हैं। गांव की महिलाएं यह बातें कर रहे थे कि अब बद्री करमाली को अपने पत्नी के संग दोबारा शादी रचाई जानी चाहिए।

बद्री करमाली के जीवित होने की घटना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई है। सुबह से लेकर शाम तक बद्री करमाली को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी हुई थी।





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