स्कूली शिक्षा सचिव की नई पहल : स्कूल में बनेंगे किचेन गार्डेन , मौसम के अनुसार उगाई जाएंगी सब्जियां

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स्कूली शिक्षा सचिव

स्कूली शिक्षा सचिव की नई पहल : स्कूल में बनेंगे किचेन गार्डेन , मौसम के अशिक्षा सचिव की नईनुसार उगाई जाएंगी सब्जियां

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स्कूली शिक्षा सचिव की नई पहल : झारखंड के सरकारी स्कूलों में किचेन गार्डेन बनेगा। सबसे अधिक गिरीडीह जिले में 236 और सबसे कम लोहरदगा में 69 किचेन गार्डेन बनेगा। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने झारखंड के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं। जिसमें झारखंड के कुल 4960 सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन लाने की तैयारी है ।



किचेन गार्डेन में उपजने वाले फलों और सब्जियों को मध्यान भोजन में उपयोग होगा। जिसके लिए स्कूलों को ₹5000 – 5000 दिए जाएंगे। मौसम के अनुसार अलग अलग सब्जियां उगाई जायेगी। यह पोषण वाटिका मनरेगा के तहत बनेगी।

जिन स्कूलों में चाहरदीवारी, पेयजल की सुविधा और जमीन उपलब्ध है उन्हीं स्कूलों में पोषण वाटिका की स्थापना मनरेगा के द्वारा किया जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इन स्कूलों को प्रशिक्षण,तकनीकी सहयोग बीज का प्रस्ताव , जैविक खाद की व्यवस्था भी हो सकती है।



क्या कहा है निर्देश में

शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने सभी उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पहली से आठवीं में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाता है । इसके लिए स्कूलों में पोषक वाटिका बनाई जाए।

पोषक वाटिका में हरी सब्जी, केला , पपीता, साग, मुंगा का प्रयोग किए जाने से भोजन की गुणवत्ता तो बढ़ेगी ही बल्कि पोषक तत्वों में भी वृद्धि होगी। जिससे कुपोषण मुक्त झारखंड की परिकल्पना पूरी हो सकती है । किचन गार्डन होने से बच्चों के बीच प्रकृति से जुड़ने और बागवानी के प्रति रुझान भी बढ़ेगा। पोषण को लेकर बच्चों को प्रेरित किया जाएगा। भोजन में पोषक तत्वों की कमी से होने वाली स्वास्थ्य से नुकसान के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।



जाने किस मौसम में कौन सी उगाई जाएगी सब्जी

सभी ऋतु: पपीता, केला, सहजन, कटहल समेत अन्य

वर्षा ऋतुः फ्रेंचबीन, लौकी, पोई साग, टमाटर

शरद ऋतु : धनिया, मेथी, पालक, गाजर, चुकंदर, बैगन, टमाटर:

गीष्म ऋतु भिंडी, : नेनुआ, बोदी, लौकी, कोहड़ा, चौलाई

पोषण समिति का होगा गठन, रसोइया और संयोजिका को मिल सकता है जिम्मेवारी

स्कूलों के किचेन गार्डेन को विकसित करने के लिए जिला पोषण समिति एवं प्रखंड पोषण समिति का गठन किया जाएगा। जिला पोषण समिति के अध्यक्ष उपायुक्त, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रतिनिधि, कृषि-बागवानी विभाग के प्रतिनिधि, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, एडीपीओ, सहायक अभियंता इसके सदस्य एवं जिला शिक्षा अधीक्षक संयोजक होंगे।




वहीं प्रखंड में बीडीओ समिति के अध्यक्ष के अलावे प्रखंड पंचायत पर्यवेक्षक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, कनीय अभियंता एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी सदस्य व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी संयोजक होंगे। स्कूलों में गठित इको क्लब के तरफ से पौधों की देख-रेख में सहयोग किया जाएगा। रसोइया एवं सहायिका को इसकी देखभाल की जिम्मेदारी मिल सकती है।

जानिए किस जिले में कितना बनेगा पोषण वाटिका

रांची : 297
सरायकेला खरसावां : 179
पश्चिमी सिंहभूम : 284
हजारीबाग : 205
लातेहार : 145
गढ़वा :199
पूर्वी सिंहभूम :226
पलामू : 349
गुमला :206




सिमडेगा:134
चतरा : 211
कोडरमा :92
रामगढ़ :82
गिरिडीह :436
जामताड़ा :142
साहेबगंज :192
दुमका :320
बोकारो :211
धनबाद : 236
देवघर : 271
पाकुड़ : 139
लोहरदगा : 69




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