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सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन को लेकर नई गाइडलाइन जारी,रसोइया सह सहायिकाओं को करना होगा यह कार्य

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सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन को लेकर नई गाइडलाइन जारी,रसोइया सह सहायिकाओं को करना होगा यह कार्य

सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने एवं परोसने को लेकर शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने नई गाइडलाइन जारी की ह। इस सम्बंध में कहा गया है कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याहन भोजन) योजनान्तर्गत कक्षा 1 से 8 तक के छात्र/छात्राओं को दोपहर में गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

विद्यालय परिसर में ही रसोईया सह-सहायिका द्वारा भोजन तैयार किया जाता है। भोजन तैयार करने तथा बच्चों के बीच गर्म भोजन वितरण के क्रम में इस प्रकार सावधानी बरतनी पड़ती है कि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना नहीं घटित हो।

आगे कहा गया है कि दिनांक 23.11.2022 को उत्क्रमित मध्य विद्यालय, छेवानी, प्रखण्ड-तरहसी, जिला पलामू में गर्म माझ में दो बच्चियों के गिरकर झुलस जाने की घटना प्रकाश में आई जो अत्यंत ही दुखद एवं हृदय विदारक है। दुख की बात है कि इन दो बच्चियों की मौत भी ईलाज के दौरान हो गई।

मानवीय भूल तथा सचेत नही रहने के कारण इस प्रकार की दुखद घटना घटित होने के कारण पूरे समाज एवं सरकार के लिए लज्जाजनक स्थिति पैदा हो जाती है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति नही हो इसके लिए आवश्यक है कि मध्याहन भोजन पकाने एवं परोसने के क्रम में आवश्यक सावधानियां बरती जाएं।

इसके लिए निम्नांकित कार्रवाई की जा सकती है।

1. मध्याहन भोजन प्राधिकरण स्तर से रसोईया -सह- सहायिका को समय- समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन प्रखण्ड/ पंचायत स्तर पर भी जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है।

2. विद्यालय में जहां पर मध्याहन भोजन तैयार किया जाता है, उस स्थल से बच्चों को दूर रखा जाए।

3. बच्चों को गर्म तैयार भोजन परोसने के क्रम में पंक्तिबद्ध खड़ा किया जाए तथा एक दूसरे के बीच पर्याप्त दूरी रखा जाए।

4. रसोईया द्वारा बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराने के दौरान इस बात विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि वे स्वंय बच्चो की बाली पकड़कर भोजन डालने के उपरांत ही बच्चों को भोजन की थाली पकड़ायें बच्चों द्वारा पकड़े गये थाली में गर्म भोजन परोसने से परहेज किया जाए।

5. बच्चों को गर्म भोजन परोसने का स्थान का चयन इस प्रकार किया जाए कि अनावश्यक भीड़ इकट्ठा न हो।

6. भोजन प्राप्त करने हेतु एक छोटे से चबूतरे का निर्माण भी किया जा सकता है। इस चबुतरे पर एक तरफ से एक बार में एक बच्चा अपनी खाली रख देगा एवं रसोईया उस थाली में भोजन परोस कर चबूतरे के दूसरे तरफ से बच्चों को याली पकड़ा देंगी आवश्यकतानुसार जिला में किसी मद में उपलब्ध राशि का उपयोग भी किया जा सकता है।

7. रसोईया द्वारा चावल बनाने के उपरांत गर्म भाइ / दाल सब्जी / चावल को खुले में नहीं छोड़ेगे। गर्म माड़ का तुरन्त निपटारा कर दिया जाए।

8. रसोईया के लिए यह आवश्यक है कि चे भोजन पकाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले एल.पी.जी. गैस का सावधानी से प्रयोग करें एवं समय-समय पर इसकी जांच करायें।

9. स्थानीय परिस्थिति तथा संसाधन को देखते हुए अन्य किसी भी सावधानी पर विचार कर सकते है। अतः अनुरोध है मध्याहन भोजन तैयार करने एवं परोसने के क्रम में सर्तकता एवं सावधानी बरतना सुनिश्चित करने की कार्रवाई की जाए ताकि किसी प्रकार की कोई दुर्घटना घटित हो।

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