कोयले तस्करी का खेल देखिए : जान पर खेलकर कईयों को कर रहा मालामाल , प्रशासन भी सवालों के घेरे में
चौपारण में कोयले तस्करी का खेल सर चढ़कर बोल रहा है। प्रतिदिन चौपारण में सैकड़ो दोपहिया वाहनों से कई टन अवैध पोड़े कोयले की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। कोयले की तस्करी में तस्कर इतने अंधे हो गए हैं कि अपने जान की भी प्रवाह नहीं कर रहे हैं। अपने जान को जोखिम में डालकर चौपारण में तस्करों को सप्लाई कर रहे हैं। जहां से यहां के तस्कर अनलोड कर फिर बिहार में मोटी रकम में सेल कर मालामाल हो रहे हैं। जिस पर प्रशासन की भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
बाल बाल बचा कोयला लदा बाइक सवार
जान पर खेल कर तस्करी के लिए पोड़े कोयले को चौपारण ला रहा बाइक सवार बाल बाल बच गया। बाइक सवार प्रखण्ड के बिगहा के पास एक तस्कर को कोयला डंप करने जा रहा था। बाइक में लगभग 18 बोरा पोड़ा कोयला लदा था। इसी बीच बिगहा के राजा गढ़ के पास कोयला लदा बाइक अनियंत्रित हो गया। बाइक अनियंत्रित होने से बाइक सवार कोयले की बोरी से दब गया। जिसके बाद आसपास के लोगों ने दौड़कर कोयला को हटाया। और अस्पताल पहुंचाकर प्राथमिक उपचार करवाया।
नियमों को ताख पर रख बाइक को बनाया माल गाड़ी
सड़क सुरक्षा नियमों के मुताबिक दो पहिया वाहनों में सिर्फ दो लोगों को बैठने की अनुमति है। पर कोयला तस्करों ने दो पहिया वाहन को ही माल गाड़ी बनाकर प्रतिदिन सैकड़ो गाड़ियों द्वारा हज़ारों टन कोयला का तस्करी किया जा रहा है। और बाइक की आड़ में सरकार को करोड़ो रुपये के भी राजस्व का चुना लगाया जा रहा है।
प्रशासन भी सवालों के घेरे में ,पांच थानों की पुलिस भी मेहरबान
तस्करों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और थानेदार जैसे कई अधिकारी हैं। पर इनके द्वारा कार्रवाई नही किया जाना कई सवालों को जन्म देती है। कोयला की तस्करी बड़कागांव और चुरचू प्रखण्ड के सैकड़ो खदानों से दिन रात हो रही है। जहां से सैकड़ो बाइक सवार प्रतिदिन सैकड़ो टन कोयला लेकर चौपारण में तस्करी के लिए लाते हैं। बड़कागांव और चुरचू से आने में बाइक सवार कई थानों को क्रॉस करते हुए चौपारण पहुंचती है। जिसमें चुरचू थाना, मुफसिल थाना, बड़कागांव , हज़ारीबाग़ मुख्यालय ,इचाक, पदमा , बरही, इटखोरी, मयूरहंड थाना के विभिन्न मार्गों से होते हुए चौपारण पहुंचते हैं और दिन दहाड़े तस्करी करते हैं। पर चार से पांच थानों की पुलिस व वन विभाग भी कार्रवाई नहीं करते हैं। बदले में कोयला तस्कर भी पुलिस पर मेहरबानी दिखाते हैं। और उनका भी ख्याल रखती है। इसका सबूत यदि चाहिए तो सुबह में एनएचएआई 33 के नेशनल पार्क के समीप देख सकते हैं। जो पुलिस की ईमानदारी व उनके मौलिक कर्तव्यों पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
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कोयले तस्करी का खेल देखिए