टेट पास पारा शिक्षकों के समायोजन पर फैसला आज,
टेट परीक्षा पास पारा शिक्षकों के समायोजन को लेकर हाईकोर्ट में आज भी फैसला सुनाया जाएगा। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ के द्वारा 30 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा गया था। गौरतलब हो कि सुनील कुमार यादव व अन्य 111 ने पारा शिक्षकों के सहायक शिक्षक के रूप में वेतन एवं नियमितीकरण को लेकर याचिका दाखिल की है। याचिका मे बताया गया है कि पारा शिक्षक के पद पर वे 15 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे हैं। वे शिक्षक पद की अहर्ता पूरी करते हैं। राज्य सरकार उनकी सेवा को स्थायी करे एवं उन्हें सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाए।
हाईस्कूल शिक्षकों के रिक्त पदों पर तीन माह में नियुक्ति का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हाईस्कूल शिक्षकों के रिक्त पदों पर तीन माह में नियुक्ति का निर्देश दिया है। जिन लोगों की नियुक्ति कोर्ट के फैसले से पूर्व कर ली गयी है, उनकी नियुक्ति बरकरार रहेगी एवं सरकार की नयी मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद उन्हें बाहर नहीं किया जाएगा।
हाईकोर्ट पहुंचे 425 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पहले सरकार को करनी होगी। इसके बाद ही शेष रिक्त पद पर नयी मेरिट लिस्ट के आधार पर सरकार को नियुक्ति करनी होगी। सरकार को इस मामले में दिए गए पूर्व के आदेशों का भी पालन करना होगा। हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने झारखंड सरकार को यह निर्देश दिया। हाईस्कूलों में कुल 17572 पदों पर नियुक्ति होनी है। इस आदेश के साथ ही अदालत ने याचिका को निष्पादित कर दी।
सोनी कुमारी ने दायर की है अवमानना याचिका
सोनी कुमारी के द्वारा अवमानना याचिका दाखिल कर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने दो अगस्त को झारखंड सरकार की वर्ष 2016 में बनी नियोजन नीति को असंवैधानिक करार दिया था पर इस नीति से अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति को बरकरार रखा था। अदालत ने राज्य सरकार को शेष पदों पर नियुक्ति के लिए एक कॉमन मेरिट लिस्ट बनाने का भी निर्देश दिया था। मेरिट लिस्ट में वैसे उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए कहा गया था, जो झारखंड हाईकोर्ट की ओर से जारी पब्लिक नोटिस के बाद अदालत में प्रतिवादी बने थे। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को एक राज्यस्तरीय संयुक्त मेरिट लिस्ट जारी करने का भी निर्देश दिया था। इसमें अनुसूचित व गैर अनुसूचित दोनों उम्मीदवारों को शामिल किए जाने का निर्देश अदालत ने दिया था। करीब 425 अभ्यर्थी प्रतिवादी बने थे।
सरकार ने नियुक्ति के लिए अदालत से मांगा समय
सरकार के तर्फबसे अदालत को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए समय की जरूरत है। इस पर अदालत ने तीन माह में नियुक्ति पूरी करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि जो भी अभ्यर्थी सरकार के निर्णय के खिलाफ कोर्ट गए थे, मेरिट लिस्ट में उन्हें प्राथमिकता देनी होगी। सरकार की ओर से इस पर सहमति भी जतायी गयी।
17,572 पदों पर होनी है हाईस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति
2016 की नियोजन नीति के अन्तर्गतवझारखंड के 13 अनुसूचित जिलों के सभी तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों को उसी जिले के स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित किया गया था, वहीं गैर अनुसूचित जिले में बाहरी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दी गयी थी। इस नीति के आलोक में वर्ष 2016 में अनुसूचित जिलों में 8,423 व गैर अनुसूचित जिलों में 9149 पदों पर (कुल 17,572 शिक्षक) नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अनुसूचित जिलों में 8423 नियुक्तियां बरकरार रहेंगी। हाईकोर्ट पहुंचे 425 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पहले की जाएगी। शेष रिक्त पदों पर नयी मेरिट लिस्ट के आधार पर नियुक्ति की जाएगी।