सरकारी नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को दिया निर्देश, अनुसूचित व गैर अनुसूचित जिला की बाध्यता समाप्त कर बनेगा राज्यस्तरीय मेरिट
सुप्रीम कोर्ट में इंटरमीडिएट स्तरीय संयुक्त (पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक) प्रतियोगिता परीक्षा-2017 को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई । सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सोनी कुमारी के मामले में पारित आदेश लागू होगा। इसके लिए भी राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट बनानी होगी, जस्टिस एमआर शाह व जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने अनुसूचित व गैर अनुसूचित जिला की बाध्यता समाप्त कर स्टेट मेरिट लिस्ट बना कर नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूर्ण करने को कहा।
पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक के 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए लंबित प्रक्रिया शीघ्र होगी शुरू
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य में पंचायत सचिव व निम्न वर्गीय लिपिक के 3088 पदों पर नियुक्ति के लिए लंबित प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने की संभावना है. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत सिन्हा व वरीय अधिवक्ता आर बालासुब्रमण्यम ने पक्ष रखा. उन्होंने दो अगस्त 2022 के फैसले को पंचायत सचिव नियुक्ति प्रक्रिया में भी लागू करने का आग्रह किया। यह भी कहा गया कि राज्य सरकार भी क्लेरिफिकेशन याचिका दायर कर ऐसी ही मांग कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुष्मिता मंडल व हिमांशु शेखर तिवारी ने क्लेरिफिकेशन याचिका दायर की है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने वर्ष 2017 में इंटरमीडिएट स्तरीय संयुक्त (पंचायत सचिव, निम्न वर्गीय लिपिक व आशुलिपिक) प्रतियोगिता परीक्षा की प्रक्रिया शुरू की थी। सितंबर 2019 में प्रमाण पत्रों का सत्यापन होने के बाद से रिजल्ट लंबित है।
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