
टेट पास पारा शिक्षकों के रेगुलराईजेशन /समायोजन /वेतनमान के लिए लंबे अर्शे से इंतजार अब खत्म हो गया है।
लगातार दो दिनों से आर्गुमेंट कर रहे सीनियर अधिवक्ता अनील कुमार सिंहा(पूर्व महाधिवक्ता), मुकेश कुमार सिंहा(झारखंड सरकार के पूर्व मुख्य सलाहकार), सीनियर अधिवक्ता इंद्रजीत सिंहा, सुमित गड़ोदिया, देवर्षि मंडल ने बेहतरीन तरीके से अपना पक्ष रखा।
सरकार के तरफ से अप्रोच कर रहे AAG सचिन कुमार, JEPC के तरफ से कृष्ण मुरारी व अन्य थे।
बहस नियमतीकरण / समान कार्य के बदले समान वेतन/ पे स्केल पर विधिवत साक्ष्य के आधार पर हुआ। दो दिनों तक बहस पर कई उतार चढ़ाव हुए।
बहस के दौरान विभिन्न राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश,उड़ीसा,असम,बिहार,उतर प्रदेश,आदि राज्यों के नियमावली का गहन अध्ययन किया गया।
पूर्व महाधिवक्ता अनिल कुमार सिंहा ने आर्टिकल 309 D के तहत सरकार द्वारा बनाये गए नियमावली से हीं सरकार को घेर लिया। सभी टेट पास पारा शिक्षकों को रेगुलार्ईजेशन करने पर कोर्ट में दो घंटे तक अडिग रहे एवं कोर्ट को समझाने में सफल रहे।
उन्होंने कॉमन आर्गुमेंट करते हुए मिनिमम पे स्केल देने के लिए भी कोर्ट को समझाने में सफल रहे। कोर्ट ने उड़ीसा के हवाला देते हुए कहा कि उड़ीसा में पारा शिक्षक तीन साल के बाद स्वतः सहायक शिक्षक बन जाते हैं,ऐसा वहाँ नियम है।
मिनिमम पे स्केल पर अनिल सर समझा दिये एवं नियमावली दिखा दिये कि लेबर को भी मिनिमम पे स्केल दिया जाता है ये तो टीचर हैं। भीख थोड़े मांग रहे हैं?
तमाम सबूत एवं आर्गुमेंट सुनाने /देखने के बाद कोर्ट ने जजमेंट को सुरक्षित रख लिया। अब न्यायाधीश 14 दिनों में अपने निर्णय को सुनाएंगे।
इस दौरान मिशन टीम के रंजीत कुमार जयसवाल(संयोजक),सुनील कुमार यादव,अभिषेक कुमार सिंहा, रूपेश कुमार साहू (R K GURU), महेश वर्मा (संरक्षक), शंकर कुमार गुप्ता,रमेश यादव ,नवनीत कुमार
इंतियाज अहमद अन्य उपस्थित थे।
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