ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर

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ओबीसी आरक्षण मामले को लेकर झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर

नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है।

राजेश गुप्ता ने शुक्रवार को दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दाखिल कर कहा था कि आगामी चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट (ओबीसी की स्थिति) करा लिया जाएगा, लेकिन राज्य में अभी तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। याचिका में कहा है कि सरकार अपने शपथपत्र के खिलाफ बिना ट्रिपल टेस्ट कराए ही निकाय चुनाव करा रही है। इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है।

अदालत से सरकार को ट्रिपल टेस्ट कराने और ओबीसी को आरक्षण देने का आग्रह

अदालत से सरकार को ट्रिपल टेस्ट कराने और ओबीसी को आरक्षण देने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

मेयर पद एससी को देने को लेकर पहले से दाखित हैं दो याचिकाएं निकाय चुनाव में अनुसूचित जिलों में मेयर का पद एसटी से एससी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं पहले से दायर हैं।

लक्ष्मीनारायण मुंडा और तिलका मुर्मू ने याचिका दायर कर कहा है कि झारखंड में पांचवीं अनुसूची लागू है। इसके तहत 13 अनुसूचित जिलों में रांची भी शामिल है। अनुसूचित जिलों में मेयर, अध्यक्ष के पद आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाता है।

झारखंड में पेसा कानून भी लागू है। इस कानून के तहत राज्य सरकार ने अनुसूचित जिलों में मुखिया और अन्य पदों को एसटी के लिए आरक्षित किया है। पूर्व में सरकार ने अन्य नीतियों में भी इसका पालन किया है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जिलों के पद को एससी के लिए आरक्षित कर दिया है, जो गलत है।

याचिका में सरकार से रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी के लिए ही रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

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