सर्टिफिकेट जांच से पारा शिक्षकों में हड़कम्प, 232 सहायक अध्यापकों ने छोड़ी नौकरी , 170 ने नहीं जमा किए सर्टिफिकेट

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सर्टिफिकेट जांच से पारा शिक्षकों में हड़कम्प, 232 सहायक अध्यापकों ने छोड़ी नौकरी , 170 ने नहीं जमा किए सर्टिफिकेट

सर्टिफिकेट जांच से पारा शिक्षकों में हड़कम्प / सर्टिफिकेट जांच से जाली सर्टिफिकेट पर भी काम कर रहेबपारा शिक्षकों में हड़कम्प मचा हुआ है। जिसका खुलासा अब होने लगा है।

गुरुवार को हुई शिक्षा विभाग में आयोजित बैठक में इसका खुलासा हुआ। खुलासा में पता चला है कि कोई नौकरी छोड़ रहा है तो कोई अपने प्रमाणपत्रों की जांच के लिए सर्टिफिकेट ही जमा नही किया है। सर्टिफिकेट जांच इसी वर्ष अप्रैल से शुरू हुई है तब से 232 पारा शिक्षकों ने नौकरी से किसी कारण वश त्याग पत्र दिया है। वहीं 170 ने सहायक अध्यापकों ने सर्टिफिकेट ही जमा नहीं कराया।

सर्टिफिकेट जांच से पहले ही नौकरी छोड़ रहे पारा शिक्षक

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव के. रवि कुमार ने बताया कि बैठक में यह तथ्य सामने आया कि जाली प्रमाणपत्रों पर काम कर रहे पारा शिक्षक सर्टिफिकेट जांच से पहले ही नौकरी छोड़ रहे हैं। अब तक 232 ने नौकरी छोड़ी है। इनकी संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है। वहीं 170 समेत वैसे सहायक अध्यापक जिन्होंने सर्टिफिकेट जांच के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें भी पांच दिसंबर तक का ही मौका दिया जा रहा है।

वे पांच दिसंबर तक सर्टिफिकेट जमा करें, नहीं तो जनवरी से मानदेय भी नहीं मिलेगा। इसके साथ ही उनकी सेवा समाप्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य के 248 सहायक शिक्षक गायब

राज्य के 248 शिक्षक गायब हो गए हैं। वे न स्कूल आ रहे हैं, न ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं । ऐसे शिक्षकों की विभाग अब तलाश करेगा। शिक्षा सचिव ने कहा कि जो 248 शिक्षक लापता हैं उन्हें खोजा जाएगा।

वे क्यों स्कूल नहीं आ रहे हैं, इसका कारण का भी पता लगाया जाएगा। ये शिक्षक मिले तो उन्हें बच्चों के पठन-पाठन में लगाया जाएगा। नहीं मिलने पर उन्हें हटाने का भी दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

ई-विद्यावाहिनी में उपस्तिथि बनाने पर ही मिलेगा वेतन व मानदेय

राज्य के शिक्षक ई-विद्यावाहिनी में अनिवार्य रूप से उपस्थिति बनानी है। जनवरी से ई-विद्यावाहिनी में ऑनलाइन हाजिरी बनाने वाले शिक्षकों को वेतन व मानदेय का भुगतान किया जाएगा।

शिक्षा सचिव के द्वारा आरजेडीई, डीईओ व डीएसई के माध्यम से सभी सहायक शिक्षक व सहायक अध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे ई-विद्यावाहिनी से ही हाजिरी बनाएं।

गैर शैक्षणिक काम से शिक्षकों को मुक्ति

शिक्षा सचिव के द्वारा निर्देश दिया गया कि पांच जनवरी 2023 के बाद कोई भी शिक्षक बीएलओ का काम नहीं करेंगे। वे गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे। वे एक बार गुरु-गोष्ठी में भी शामिल होंगे। वे स्कूलों में सिर्फ बच्चों को अब पढ़ाएंगे। इसके साथ-साथ स्कूली बच्चों के जाति प्रमाणपत्र, छात्रवृत्ति, पोशाक, स्कूल किट का लाभ दिलाने में इन्हें सहयोग करना पड़ेगा।

बैठक में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी, शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव अभिजीत सिन्हा के साथ साथ सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, डीईओ, डीएसई और विभागीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।

सर्टिफिकेट जांच से पारा शिक्षकों में हड़कम्प

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