इंटर की पढ़ाई बंद करने से पहले शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा निर्णय

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इंटर की पढ़ाई बंद करने से पहले शिक्षा विभाग ने लिया बड़ा निर्णय

इंटर की पढ़ाई बंद करने से पहले शिक्षा विभाग का ये है प्लान

उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग एवं झारखंड एकेडमिक काउंसिल की संयुक्त बैठक में हुई।

जिसमें निर्णय लिया गया कि झारखंड के अंगीभूत कॉलेजों व संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने से पहले राज्य के सभी प्लस टू स्कूल व इंटर कॉलेजों को सुदृढ़ किया जाएगा।

इसके साथ ही मॉडल स्कूल, कस्तूरबा बालिका विद्यालय, समर्थ विद्यालय, मॉडल स्कूल समेत झारखंड बालिका विद्यालय की आधारभूत संरचना को भी दुरुस्त किया जाएगा।

यह बैठक उच्च व तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार व स्कूली शिक्षा सचिव के. रवि कुमार के नेतृत्व में आयोजित बैठक में डिग्री कॉलेज से इंटर की पढ़ाई बंद करने को लेकर समीक्षा हुई। अगर संबंधित 65 अंगीभूत कॉलेज व 45 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय में इंटर की पढ़ाई बंद की जाती है तो उस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को क्या समस्या आ सकती है, इसपर भी चर्चा की गई। दोनों विभागों के सचिव ने इसको लेकर झारखंड एकेडमिक काउंसिल व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से रिपोर्ट मांगी है।

उन्होंने निर्देश दिया है कि डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट के कितने-कितने छात्र हैं। वहां से इसकी पढ़ाई बंद की जाती है तो छात्र-छात्रा कहां पर नामांकन लेंगे।

इन बिंदुओं पर मांगा गया है रिपोर्ट

इंटरमीडिएट के सभी विषयों की पढ़ाई होती है या नहीं या इसके शिक्षक हैं या नहीं।

जो प्लस टू स्कूल, इंटर महाविद्यालय समेत अन्य स्कूल हैं वहां पर आधारभूरत संरचना है या नहीं।

ऐसे जगहों पर नामांकन लेने में छात्र-छात्राओं को कहीं समस्याओं का तो सामना नहीं होगा। सीटें मिलेंगी या नहीं इस पर भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है। राहुल पुरवार और के. रवि कुमार ने दिसंबर में इस मामले पर फिर से एक बैठक करने का निर्णय लिया है। इससे पहले जैक व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर लेगी व बैठक में उसे रखेगी।

प्लस टू स्कूलों में नहीं हैं विषयवार शिक्षक

राज्य के प्लस टू स्कूल, मॉडल स्कूल, कस्तूरबा बालिका विद्यालय, समर्थ विद्यालय, मॉडल स्कूल व झारखंड बालिका विद्यालय में कई विषयों के शिक्षकों के पद सृजित ही नहीं हैं। जिसमें राजनीति शास्त्रत्त्, समाजशास्त्रत्त्, मनोविज्ञान, मानव शास्त्रत्त् समेत जनजातीय भाषा के विषय भी शामिल हैं।

अंगीभूत कॉलेज व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में इन विषयों की पढ़ाई होती है। अगर इन कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद हुई व प्लस टू स्कूलों में ही सिर्फ हुई तो इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पायेगा।

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